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बजट 2023 से पहले वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ करेगा बैठक

बजट 2023-24 (budget 23-24) वित्त मंत्रालय ने जनधन, मुद्रा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएम स्वनिधि समेत विभिन्न सामाजिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ वित्त मंत्रालय की बैठक 19 जनवरी को होगी.
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NDTV Profit हिंदी11:15 AM IST, 23 Jan 2023NDTV Profit हिंदी
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बजट 2023-24 (budget 23-24) वित्त मंत्रालय ने जनधन, मुद्रा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएम स्वनिधि समेत विभिन्न सामाजिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ वित्त मंत्रालय की बैठक 19 जनवरी को होगी. बैठक में बहुत हद तक वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की समीक्षा की जाएगी.

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की समीक्षा की जाएगी.

इसके अलावा, रेहड़ी पटरी वालों के लिये प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी. सरकार ने इस योजना को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया है.

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कोरोना महामारी से प्रभावित रेहड़ी लगाने वालों को उनकी आजीविका के लिए फिर से काम शुरू करने में मदद के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक जून 2020 को पेश की थी. योजना के तहत 10,000 रुपये का ऋण रिआयती ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाता है.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीआई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीआई) और अटल पेंशन योजना के लक्ष्यों और उपलब्धियों की भी समीक्षा की जाएगी.

सरकार ने अपनी प्रमुख बीमा योजनाओं- पीएमजेजेबीआई और पीएमएसबीआई को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए पिछले साल उनका प्रीमियम बढ़ाया था. इसके अलावा मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना की भी समीक्षा की जाएगी.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) को 2015 में गैर-औद्योगिक, गैर-कृषि लघु या सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने के लिए पेश किया गया था.

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