Explained : आखिर विदेशों में सोना क्यों रखता है RBI? क्या हैं इसके फायदे? जानें सबकुछ

भारत की आजादी से पहले से ही कुछ मात्रा में सोना लंदन में जमा है क्योंकि ब्रिटेन बैंक ऑफ इंग्लैंड में भारत का सोना रखता था. इसलिए आजादी के बाद भी, भारत ने कुछ सोना लंदन में ही रखा हुआ है.

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India Gold Reserve: पिछले वित्त वर्ष में रिज़र्व बैंक के सोने के भंडार में 27.5 टन सोना बढ़ा है.
नई दिल्ली:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना वापस भारत लाकर एक बड़ा कदम उठाया है. यह 1991 के बाद की सबसे बड़ी वापसी है, जब इतने बड़े पैमाने पर सोने का भंडार वापस लाया गया था. भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, मार्च 2024 के अंत तक RBI के पास कुल 822.1 टन सोना था, जिसमें से 413.8 टन विदेशों में जमा था.

RBI पिछले कुछ सालों में सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में से एक है. पिछले वित्त वर्ष में रिज़र्व बैंक के सोने के भंडार में 27.5 टन सोना बढ़ा है.

विदेशों से सोना क्यों ला रहा RBI?

RBI धीरे-धीरे विदेशों में जमा सोने की मात्रा कम कर रहा है और इसे भारत ला रहा है.  भारत अपना सोना वापस ला रहा है ताकि देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो सके.भारत को अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए ज़्यादा सोने की ज़रूरत है. भारत चाहता है कि देश में सोने का भंडार बढ़े और उसके सोने का इस्तेमाल उसी के फायदे के लिए हो. 2023 में, RBI ने 100 टन सोना वापस भारत लाया. 

RBI विदेशों में सोना क्यों रखता है?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सोना रखता है.  RBI विदेशों में सोना सुरक्षा, व्यापा रजैसे कई कारणों से रखता है.

ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड परंपरागत रूप से कई केंद्रीय बैंकों के लिए सोने का भंडारगृह रहा है. भारत की आजादी से पहले से ही कुछ मात्रा में सोना लंदन में जमा है क्योंकि आजादी से पहले, ब्रिटेन बैंक ऑफ इंग्लैंड में भारत का सोना रखता था. इसलिए आजादी के बाद भी, भारत ने कुछ सोना लंदन में ही रखा हुआ है.

विदेशों में सोना रखने के फायदे

केंद्रीय बैंक सोने का भंडारण कई जगहों पर करना चाहते हैं ताकि जोखिम कम हो सके. सबसे पहले तो सुरक्षा को ध्यान में रखा जाता है. अगर भारत में किसी आपदा के दौरान  राजनीतिक और आर्थिक स्थिति खराब होती है तो भी विदेशों में रखा सोना सुरक्षित रहेगा. ऐसी स्थिति में सोने को सुरक्षित जगह पर रखना ज़रूरी होता है. इसलिए विदेशों में भंडार रखने से RBI को राजनीतिक जोखिम से बचने में मदद मिलती है.

वहीं, प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप या बाढ़, से सोने के भंडार को नुकसान पहुंच सकता है. विदेशों में सोना रखने से यह सुनिश्चित होता है कि आपदाओं की स्थिति में भी देश के पास कुछ सोना तो सुरक्षित रहेगा.

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इसके अलावा विदेशों में सोना रखने से दूसरे देशों के साथ व्यापार करना आसान हो जाता है. सोने का भंडर बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में मदद मिलती है. सोने का उपयोग अन्य देशों से लोन  लेने या आयात के लिए भुगतान करने के लिए किया जा सकता है.वहीं, विदेशों में सोने पर ज़्यादा ब्याज मिल सकता है, जिससे भारत को फायदा होता है.
 

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