भारत से रिश्ते बढ़ाना चाहते हैं चीन को दुश्मन मानने वाले विवेक रामास्वामी, जिन्हें ट्रंप ने सौंपी DOGE की ज़िम्मेदारी : 10 खास बातें

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
विवेक रामास्वामी लम्बे अरसे से भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने के बारे में बात करते रहे हैं...
नई दिल्ली:

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में वापसी निश्चित होने के बाद रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप ने 'अमेरिका फ़र्स्ट' के अपने मूलमंत्र को अमली जामा पहनाते हुए भारतीय मूल के अमेरिकन विवेक रामास्वामी को महती ज़िम्मेदारी सौंपी है. रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति प्रत्याशी रह चुके विवेक रामास्वामी भारत और चीन से जुड़े मामलों में अपने राष्ट्रपति से पूरा इत्तफ़ाक़ रखते हैं, और अपने विचारों को उन्होंने कभी छिपाया भी नहीं है. अब डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएन्सी (Department of Government Efficiency) या DOGE के मुखिया के तौर पर अमेरिकी सरकार की 'फ़िज़ूलखर्ची' पर लगाम लगाने और सरकार के कामकाज को बेहतर करने की दिशा में काम करने जा रहे विवेक रामास्वामी के विचारों और सोच की दिशा से भारत को भी लाभ मिल सकता है. सो, आइए पढ़ते हैं, विवेक रामास्वामी और भारत-चीन के बारे में उनकी सोच से जुड़ी 10 खास बातें...

  1. विवेक रामास्वामी लम्बे अरसे से भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने के बारे में बात करते रहे हैं. राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में सितंबर, 2023 में अपनी व्यापार नीति को जारी करते हुए उन्होंने साफ कहा था कि वह चीन से आर्थिक आज़ादी हासिल करने के उद्देश्य से भारत से रिश्तों को बेहतर करने के इच्छुक हैं.
  2. 'न्यूयॉर्क पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, विवेक रामास्वामी ने चीन के साथ वित्तीय रिश्तों में कमी लाने के लिए भारत, इज़रायल, ब्राज़ील और चिली का ज़िक्र उन देशों के रूप में किया था, जिनके साथ वह व्यापार संबंध बनाना और बढ़ाना चाहते हैं.
  3. दवाओं के क्षेत्र में चीन पर निर्भरता को खत्म करने के लिए उन्होंने इज़रायल और भारत का ज़िक्र किया था. इसके अलावा, सेमी-कण्डक्टरों के लिए आवश्यक लिथियम सरीखे दुर्लभ खनिज का आयात करने के लिए भी ब्राज़ील और चिली के साथ-साथ भारत का नाम लिया था.
  4. अमेरिकी राज्य ओहायो में जनता को संबोधित करते हुए विवेक रामास्वामी ने "समझदारी के साथ चीन से अलग होने की खातिर 'व्यापार-समर्थक रुख अपनाकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुकाबला करने के लिए चार-सूत्री योजना भी पेश की थी, जिसके बारे में उनका दावा था कि उनकी बदौलत राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखते हुए आर्थिक मुद्दों को संतुलित किया जा सकेगा.
  5. चीन के ख़िलाफ़ अपने विचारों को कतई नहीं छिपाने वाले विवेक रामास्वामी ने साफ़ कहा था, "आज हमारा सबसे बड़ा विरोधी कौन है...? वह सोवियत संघ (USSR) नहीं है - उनका तो 1990 में पतन हो चुका... लगता है, कुछ लोग भूल गए हैं कि आज हमारा सबसे बड़ा दुश्मन कम्युनिस्ट चीन है..."
  6. अब जनवरी में शपथ ग्रहण करने जा रही डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार में बनाया जा रहा नया विभाग DOGE सलाहकार की भूमिका में रहेगा, और विवेक रामास्वामी और अरबपति व्यवसायी एलन मस्क के नेतृत्व में चलने वाला यह विभाग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ प्रशासन के सभी मंत्रालयों और कार्यालयों को सुझाव और सलाह दिया करेगा, ताकि कामकाज तेज़ गति से और प्रवीणता से हो सके. डोनाल्ड ट्रंप का विचार है कि एलन और विवेक अपनी नई सोच के साथ सरकारी कामकाज में सुधारों की दिशा में काम करेंगे.
  7. Advertisement
  8. गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टीम में शामिल किए जाने के बाद विवेक रामास्वामी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा भी है, "हम लोग नरमी से पेश नहीं आने वाले..." इस पोस्ट से ज़ाहिर है कि विवेक रामास्वामी उन्हें दिए गए उत्तरदायित्व को बेहद आक्रामक तरीके से निभाने जा रहे हैं.
  9. विवेक रामास्वामी मानते रहे हैं कि रूस कई दशक से अमेरिका का दुश्मन था और अब भी है, लेकिन अब उसके साथ-साथ चीन भी अमेरिका का दुश्मन है. उन्होंने कई बार कहा है कि अगर रूस के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए अमेरिका यूक्रेन को पहले स ज़्यादा हथियार सौंपने लगेगा, तो रूस के भी चीन की गोद में जा बैठने की संभावना बढ़ जाएगी.
  10. Advertisement
  11. हाल ही में एक भारतीय मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में भी विवेक रामास्वामी ने कहा था, "मुझे ऐसा लगता है कि चीन भविष्य में भारत की सुरक्षा के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के दीर्घकालिक सुरक्षा हितों के लिए बड़ा खतरा पेश करता है... जब हम अमेरिका और भारत के बीच संबंधों के बारे में विचार करते हैं, तो ऐसे अवसर दिख सकते हैं, जहां दोनों मुल्कों को फ़ायदा हो सकता है, और ज़्यादा स्थिरता भी आ सकती है..."
  12. एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप की ही तरह विवेक रामास्वामी भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं. विवेक के मुताबिक, PM मोदी ने भारतीयों के बीच 'गौरव तथा आत्मविश्वास का भाव' पैदा किया है. उन्होंने कहा था, "मैं कई देशों के कई नेताओं को तारीफ़ के काबिल मानता हूं, और ज़ाहिर है, PM नरेंद्र मोदी उस सूची में शीर्ष पर हैं, जिन्होंने अपने मुल्क पर गर्व किया..."
  13. Advertisement
Featured Video Of The Day
UP लोक सेवा आयोग की बात क्यों नहीं मान रहे छात्र? आयोग की किन बातों पर छात्रों को यकीन नहीं होता?