Trump Tariff Impact: टैरिफ बढ़ने से भारतीय टेक्सटाइल एक्सपोर्ट को झटका! अमेरिकी रिटेलर्स तलाश रहे नए विकल्प

Trump Tariff Hike Impact: टॉप अमेरिकी रिटेलर्स भारतीय एक्सपोर्टर्स के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं, क्योंकि बढ़ी हुई लागत से कारोबार पर सीधा असर पड़ने वाला है.

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Trump Tariff India: अमेरिका भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल के लिए सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है, जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का 28% हिस्सा रखता है.
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  • अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल पर कुल इम्पोर्ट ड्यूटी 50 प्रतिशत तक बढ़ा दी है.
  • निटेड अपैरल पर 64 प्रतिशत और वूवन अपैरल पर 60प्रतिशत से अधिक टैक्स लगाया जाएगा.
  • तिरुपुर के टेक्सटाइल हब में बढ़े टैरिफ से लगभग 2500 रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्टर्स चिंतित हैं.
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नई दिल्ली:

अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर को बड़ा झटका दे दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल इम्पोर्ट ड्यूटी 50% तक पहुंच गई है. यह अब तक का सबसे ज्यादा टैरिफ है जो अमेरिका ने किसी बड़े एशियाई पार्टनर पर लगाया है. 

इस बढ़ोतरी के बाद टॉप अमेरिकी रिटेलर्स भारतीय एक्सपोर्टर्स के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं, क्योंकि बढ़ी हुई लागत से कारोबार पर सीधा असर पड़ने वाला है.

कुछ प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी 60% से भी ज्यादा 

इसका असर 27 अगस्त से शुरू होगा और कुछ प्रोडक्ट्स पर तो ड्यूटी 60% से भी ज्यादा हो जाएगी. जैसे कि निटेड अपैरल पर 64% और वूवन अपैरल पर 60.3% टैक्स लगेगा.

टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स की बढ़ी चिंता

इस फैसले के बाद तमिलनाडु के तिरुपुर जैसे बड़े टेक्सटाइल हब में चिंता बढ़ गई है. यहां करीब 20 हजार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिनमें से 2,500 से ज्यादा रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट करती हैं. 

अमेरिकी कंपनियों ने नए ऑर्डर रोके

कई एक्सपोर्टर्स का कहना है कि अमेरिकी खरीदारों ने नए ऑर्डर रोक दिए हैं या कीमत घटाने की मांग कर रहे हैं. एक तिरुपुर स्थित एक्सपोर्टर ने बताया कि उनके अमेरिकी क्लाइंट ने 80,000 डॉलर की कॉटन टी-शर्ट और ड्रेस की शिपमेंट रोकने के लिए कहा, क्योंकि इतना ज्यादा खर्च कस्टमर्स को नहीं दिया जा सकता.

एक्सपोर्टर्स दूसरे ऑप्शन पर कर रहे विचार

कुछ एक्सपोर्टर्स इन्वेंट्री फंसने से बचने के लिए डिस्काउंट देने की सोच रहे हैं, जबकि कुछ खरीदार अपने यहां रिटेल प्राइस बढ़ा रहे हैं. लेकिन 50% की बढ़ोतरी लंबे समय तक टिकना मुश्किल है.

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बांग्लादेश और वियतनाम से बढ़ेगा मुकाबला

भारत के कई बड़े टेक्सटाइल ब्रांड्स अपनी 40% से 70% तक की सेल सिर्फ अमेरिका से करते हैं. एनालिस्ट्स का कहना है कि इतने ऊंचे टैरिफ से ऑर्डर वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों में शिफ्ट हो सकते हैं, जहां अमेरिकी ड्यूटी सिर्फ 20% है.

प्राइसिंग पावर कम होने से मुनाफे पर असर

गोकलदास एक्सपोर्ट्स के मैनेजमेंट ने NDTV प्रॉफिट से बातचीत में कहा कि अमेरिकी ब्रांड्स उनसे लोअर टैरिफ वाले रीजन में एक्स्ट्रा प्रोडक्शन कैपेसिटी के बारे में पूछ रहे हैं. कंपनी के अमेरिकी क्लाइंट्स में GAP, वॉलमार्ट और जेसीपेनी जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

कंपनी का कहना है कि प्राइसिंग पावर कम होने से मुनाफे पर असर पड़ा है और यह दबाव इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही तक जारी रह सकता है.

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अमेरिका में भारतीय टेक्सटाइल की मजबूत पकड़

अमेरिका भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल के लिए सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है, जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का 28% हिस्सा रखता है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 36.61 अरब डॉलर का टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्ट किया.

अमेरिका के गारमेंट मार्केट में भारत की 5.8% हिस्सेदारी

सिर्फ जनवरी से मई के बीच अमेरिका ने भारत से 4.59 अरब डॉलर का टेक्सटाइल और अपैरल खरीदा, जो पिछले साल से 13% ज्यादा है. अमेरिका के गारमेंट मार्केट में भारत की हिस्सेदारी 5.8% है, जबकि चीन, वियतनाम और बांग्लादेश इससे आगे हैं.

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