UPI QR कोड की संख्या 91.5% बढ़कर 65.79 करोड़ पहुंची, डिजिटल पेमेंट्स में 80% से ज्यादा हिस्सेदारी: RBI

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) के लिए सबसे ज्यादा यूपीआई का इस्तेमाल किया जाता है. हर पांच में चार डिजिटल लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किए जा रहे हैं.

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UPI Growth India: बीते महीने UPI के जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 17.89 अरब पर पहुंच गई है.
नई दिल्ली:

देश में यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना आधार पर 91.5 प्रतिशत बढ़कर 65.79 करोड़ हो गई है. यह जानकारी आरबीआई की ओर से दी गई.केंद्रीय बैंक के मुताबिक, यूपीआई क्यूआर कोड में वृद्धि के कारण क्रेडिट कार्ड लेनदेन (Credit Card Transaction) की वृद्धि दर कम होकर 7.94 प्रतिशत रह गई है.

डेबिट कार्ड की संख्या बढ़कर 99 करोड़ हुई

डेबिट कार्ड (Debit Card) की संख्या सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत बढ़कर 99 करोड़ पर पहुंच गई है. गूगल पे, पेटीएम और फोनपे जैसे प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच के साथ यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या में तेज वृद्धि हो रही है.

बैंक अधिकारियों ने बताया कि यूपीआई नेटवर्क पर लाइव बैंकों की संख्या अप्रैल में 668 हो गई है. इससे लेनदेन की वैल्यू में भी वृद्धि होने की उम्मीद है.

UPI लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 34% बढ़ी

बीते महीने UPI के जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 17.89 अरब पर पहुंच गई है. साथ ही लेनदेन की वैल्यू सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 23.95 लाख करोड़ रुपए हो गई है.

भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए सबसे ज्यादा UPI का इस्तेमाल

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) के लिए सबसे ज्यादा यूपीआई का इस्तेमाल किया जाता है. हर पांच में चार डिजिटल लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किए जा रहे हैं.देश के डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 79.7 प्रतिशत की हो गई, जो कि वित्त वर्ष 23 में 73.4 प्रतिशत थी.

RBI विभिन्न पहलों के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है, जिसमें "हर पेमेंट डिजिटल" अभियान भी शामिल है, जिसका उद्देश्य भारत में हर व्यक्ति को डिजिटल पेमेंट के बारे में जागरूक करना है.

आरबीआई यूपीआई इन-पर्सन मर्चेंट पेमेंट के लिए लेनदेन की सीमा को संशोधित करने में लचीलापन भी देता है, जिससे NPCI को यूजर्स की जरूरतों के आधार पर सीमाएं समायोजित करने की अनुमति मिलती है, साथ ही सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं जिससे पेमेंट का तरीका और अधिक सुविधाजनक हो गया है.

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