Stock Market Crash: ट्रंप के टैरिफ से ग्लोबल मार्केट में हाहाकार, क्या लौट आया है 'ब्लैक मंडे'?

Global Markets Crash: ट्रंप के टैरिफ बयान के बाद ग्लोबल मार्केट में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है, जिससे शेयर बाजारों में 'ब्लैक मंडे' जैसी हलचल मच गई है. एशियाई बाजारों से लेकर भारत तक इसका असर दिखा.

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Stock Market Crash: शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 3,900 से ज्यादा अंक टूट गया और निफ्टी भी 1,100 अंकों से ज्यादा गिर गया.
नई दिल्ली:

सोमवार का दिन ग्लोबल और घरेलू मार्केट के लिए किसी झटके से कम नहीं रहा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाले बयान और लगातार बढ़ती ट्रेड वॉर की आशंकाओं ने पूरी दुनिया की इकनॉमी को हिला दिया है. अमेरिका के साथ-साथ एशिया और यूरोप के बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली और इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा. 

आज यानी 7 अप्रैल को शेयर बाजार की ओपनिंग के साथ ही सेंसेक्स 3,900 से ज्यादा अंक टूट गया और निफ्टी भी 1,100 अंकों से ज्यादा गिर गया. ये गिरावट जून 2024 के बाद की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट रही.

इस गिरावट की वजहें सिर्फ एक-दो नहीं, बल्कि कई ग्लोबल फैक्टर्स हैं. सबसे बड़ी वजह अमेरिका में टैरिफ को लेकर ट्रंप का बयान है, जिसमें उन्होंने कहा कि बाजार को कभी-कभी ‘दवाई' की जरूरत पड़ती है. उन्होंने ये भी कहा कि भले ही ग्लोबल मार्केट में लॉस हो रहा हो, लेकिन वह किसी भी देश से तब तक समझौता नहीं करेंगे जब तक ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापार घाटा खत्म नहीं हो जाता. ट्रंप के इस बयान के बाद ये साफ हो गया कि ट्रेड वार जल्दी खत्म नहीं होने वाला और दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमीज को इसका असर झेलना पड़ेगा.

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क्या है 'Black Monday'?

1987 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब 'ब्लैक मंडे' के नाम से जाना जाने वाला तबाही आया था. उस दिन अमेरिकी इंडेक्स डाउ जोंस एक ही दिन में 22.6% गिर गया था. इसी दिन S&P 500 इंडेक्स भी 20% से ज्यादा टूटा था. इस घटना के बाद ग्लोबल मार्केट में पैनिक फैल गया था, जिसका असर दुनिया भर के बाजार पर दिखा था. और अब फिर से कई एक्सपर्ट्स 'ब्लैक मंडे 2.0' की आशंका जता रहे हैं. 

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शेयर बाजार में 1987 के ब्लैक मंडे की वापसी?

हाल ही में अमेरिकी शेयर बाजार में एक दिन में 6 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो गई और डाउ जोंस, नैस्डैक, S&P 500 जैसे प्रमुख इंडेक्स बुरी तरह टूट गए. CNBC होस्ट जिम क्रैमर ने भी चेतावनी दी थी कि सोमवार का दिन 1987 के ब्लैक मंडे जैसा हो सकता है.

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एशियाई बाजार भी इस झटके से बच नहीं सके. जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के इंडेक्स में 4% से 10% तक की गिरावट देखी गई. जापान का स्टॉक एक्सचेंज तो कुछ देर के लिए बंद भी करना पड़ा, क्योंकि गिरावट ने सर्किट ब्रेकर को ट्रिगर कर दिया.

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भारतीय मार्केट पर भी इसका सीधा असर पड़ा. सेंसेक्स 5% से ज्यादा गिरकर 71,425 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 5% से ज्यादा टूटकर 21,743 पर आ गया. ये गिरावट इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग आज से शुरू हो गई है और ऐसे में निवेशकों के मन में और अनिश्चितता बढ़ गई है.

ऐसे में यह साफ है कि ग्लोबल इकोनॉमी को फिलहाल एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ट्रंप के टैरिफ, चीन-अमेरिका ट्रेड वार, ग्लोबल स्लोडाउन की आशंका और अब मार्केट में ब्लैक मंडे जैसा माहौल... इन सभी फैक्टर्स ने आज इन्वेस्टर्स को एक बार फिर 1987 के ब्लैक मंडे की याद दिलाई है.

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