भारत में खुदरा महंगाई दर यानी CPI (Consumer Price Index) मई 2025 में गिरकर 2.82 प्रतिशत पर आ गई है. यह फरवरी 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है. पिछले साल मई में यह दर 4.8 प्रतिशत थी. सरकार की ओर से 12 जून को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है.
खाद्य महंगाई में बड़ी राहत
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में भी राहत मिली है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया कि फूड इंफ्लेशन मई में घटकर 0.99 प्रतिशत पर आ गई, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है. खाद्य महंगाई दर बी लगातार सात महीने से कम हो रही है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इसकी वजह कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करना है.
किन चीजों के दाम गिरे?
मई में महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण कई रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में कमी है. आधिकारिक बयान के अनुसार, मई के दौरान खुदरा महंगाई में बड़ी गिरावट मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों, अनाजों, घरेलू वस्तुओं एवं सेवाओं, चीनी और अंडों की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है. ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण भी महंगाई में कमी आई है.
आरबीआई ने घटाया महंगाई अनुमान
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बीते शुक्रवार को आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है.
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि पिछले छह महीनों में मुद्रास्फीति में काफी कमी आई है, जो अक्टूबर 2024 में टोलरेंस बैंड से ऊपर थी और अब लक्ष्य से काफी नीचे आ गई है. इसमें ब्रोड-बेस्ड सॉफ्टनिंग यानी व्यापक आधार पर नरमी के संकेत हैं.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मार्च-अप्रैल में सीपीआई हेडलाइन महंगाई में गिरावट जारी रही, जिसमें अप्रैल 2025 में यह लगभग सालाना आधार पर छह साल के निचले स्तर 3.2 प्रतिशत पर आ गई थी.