भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बही-खाते या बैलेंस सीट का आकार मार्च, 2024 तक 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यही वजह है कि केंद्रीय बैंक सरकार को अपना अबतक का सबसे ऊंचा लाभांश दे पाया है.कुल मिलाकर देखा जाए, तो मार्च, 2023 की तुलना में मार्च, 2024 तक केंद्रीय बैंक के बही-खाते का आकार 7,02,946.97 करोड़ रुपये बढ़ा है. मार्च, 2023 तक यह 63.45 लाख करोड़ रुपये था.
केंद्रीय बैंक की शुद्ध आय मार्च, 2024 के अंत तक 42,819.91 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के बाद 2.11 लाख करोड़ रुपये रही. केंद्रीय बैंक का प्रावधान पिछले वित्त वर्ष में 1,30,875.75 करोड़ रुपये रहा था. प्रावधान की गई राशि आकस्मिकता निधि (सीएफ) में स्थानांतरित कर दी जाती है.
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई की शुद्ध आय 87,420 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध आय 87,420 करोड़ रुपये थी. 2022-23 की तरह समीक्षाधीन वित्त वर्ष में परिसंपत्ति विकास कोष (एडीएफ) के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक का बही-खाता मुद्रा जारी करने के साथ-साथ मौद्रिक नीति और रिज़र्व प्रबंधन उद्देश्यों सहित इसके विभिन्न कार्यों के अनुसरण में की गई गतिविधियों को दर्शाता है.
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आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च, 2024 तक घरेलू परिसंपत्तियां 23.31 प्रतिशत थीं. वहीं विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, सोना (भारत में जमा और मौजूद सोना सहित) और भारत के बाहर के वित्तीय संस्थानों को दिया गए ऋण का कुल परिसंपत्तियों में हिस्सा 31, मार्च, 2024 तक 76.69 प्रतिशत था. जबकि 31 मार्च, 2023 तक यह क्रमशः 26.08 प्रतिशत और 73.92 प्रतिशत थे.
रिजर्व बैंक के पास 822.10 टन सोना
रिजर्व बैंक के पास 822.10 टन सोना है, जिसमें से 308.03 टन सोना 31 मार्च, 2024 तक जारी किए जाने वाले नोट के समर्थन के लिए रखा गया है.निर्गम विभाग की परिसंपत्ति के रूप में रखे गए सोने का मूल्य 31 मार्च, 2023 को 1,40,765.60 करोड़ रुपये से 16.94 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च, 2024 को 1,64,604.91 करोड़ रुपये हो गया.
आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष में सोने के मूल्य में यह वृद्धि 6.94 टन सोने की वृद्धि... सोने की कीमत में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के मूल्यह्रास के कारण हुई है.