कोरोना के बाद तेजी से उभरा रियल एस्टेट मार्केट, वित्त वर्ष 2019 से घरों की बिक्री में 77% उछाल: रिपोर्ट

Grant Thornton Real Estate Report 2025: इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक करोड़ रुपये से ज्यादा की लग्जरी प्रॉपर्टी की डिमांड भी लगातार बढ़ी है. इसकी वजह लोगों की बढ़ती इनकम, बदलती लाइफस्टाइल और डिवेलपर्स की टारगेटेड मार्केटिंग मानी जा रही है.

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Residential sales in India: रिपोर्ट के मुताबिक, FY24-25 में भारत में कुल 99 रियल एस्टेट डील्स हुईं जिनकी वैल्यू 6.99 बिलियन डॉलर रही.
नई दिल्ली:

कोरोना के बाद भारत का रियल एस्टेट बाजार एक बार फिर तेजी से पटरी पर लौट आया है. ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 से लेकर 2025 तक देश के प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. यानी रियल एस्टेट सेगमेंट ने बीते कुछ सालों में जबरदस्त रिकवरी की है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में जितनी भी प्रॉपर्टी डील हुईं, उनमें से 57 प्रतिशत प्राथमिक लेन-देन यानी बिल्डर द्वारा सीधे बेचे गए निर्माणाधीन फ्लैट्स रहे. वहीं, बाकी 43 प्रतिशत डील द्वितीयक बाजार यानी री-सेल प्रॉपर्टीज की थीं. FY2019 में सेकंडरी सेल्स का हिस्सा सिर्फ 38 प्रतिशत था, यानी इसमें भी अच्छी बढ़त देखने को मिली है.

एक करोड़ से ज्यादा की लग्जरी प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ी

इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक करोड़ रुपये से ज्यादा की लग्जरी प्रॉपर्टी की डिमांड भी लगातार बढ़ी है. इसकी वजह लोगों की बढ़ती इनकम, बदलती लाइफस्टाइल और डिवेलपर्स की टारगेटेड मार्केटिंग मानी जा रही है.

ऑफिस लीजिंग सेगमेंट में भी ग्रोथ रिकॉर्ड स्तर पर रही है. टियर 1 शहरों के साथ-साथ टियर 2 हब्स में भी जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स), आईटी-आईटीईएस, ई-कॉमर्स और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सेक्टर की वजह से ऑफिस स्पेस की मांग में जबरदस्त उछाल आया है.

लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर भी तेजी

रिपोर्ट बताती है कि भारत के ऑफिस मार्केट में न सिर्फ तेजी से जगह भरी जा रही है, बल्कि किराया भी लगातार बढ़ रहा है, जो निवेशकों और बिल्डर्स दोनों के लिए फायदे का संकेत है.लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसकी वजह 'मेक इन इंडिया', जीएसटी में सुधार और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी जैसे सरकारी प्रयास हैं.

FY24-25 में भारत में कुल 99 रियल एस्टेट डील्स

रिपोर्ट के मुताबिक, FY24-25 में भारत में कुल 99 रियल एस्टेट डील्स हुईं जिनकी वैल्यू 6.99 बिलियन डॉलर रही. इनमें से 3.15 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी की रही, जबकि बाकी लगभग 3 बिलियन डॉलर आईपीओ और क्यूआईपी जैसे पब्लिक चैनल्स से जुटाई गई.

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AI, ब्लॉकचेन, स्मार्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी का बढ़ रहा इस्तेमाल

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब रियल एस्टेट में AI, ब्लॉकचेन, स्मार्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी और ग्रीन कंस्ट्रक्शन का भी इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो पूरी इंडस्ट्री के काम करने के तरीके को बदल रहा है.रियल एस्टेट टोकनाइजेशन और स्मॉल एंड मिड साइज्ड रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (SM-REITs) जैसे नए इन्वेस्टमेंट ऑप्शन भी अब तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल इनोवेशन,  शहरी विकेंद्रीकरण, और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के कारण आने वाले वक्त में प्रीमियम हाउसिंग, कमर्शियल ऑफिस स्पेस, लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और वैकल्पिक इन्वेस्टमेंट में मजबूती बनी रहेगी.

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ग्रांट थॉर्नटन की लीडरशिप टीम ने कहा कि भारत का रियल एस्टेट अब डिजिटल, सस्टेनेबल और इन्वेस्टर-फ्रेंडली तरीके से नई दिशा में बढ़ रहा है. भविष्य की ग्रोथ तकनीक, पारदर्शिता और विविध निवेश मॉडल पर टिकी है.

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