भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार छठी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. जिससे आपको सभी तरह के लोन की EMI में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. हालांक, आरबीआई ने छोटे लोन ग्राहकों को राहत देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. जिसके तहत लोन लेने के समय लगने वाले सभी तरह के शुल्कों के बारे में बैंकों को अपने ग्राहकों को बताना होगा.
आरबीआई ने बैंकों के लिए सभी रिटेल और माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को दिए जाने वाले लोन के लिए ग्राहकों को ब्याज और अन्य शर्तों समेत की फैक्स स्टेटमेंट (Key Fact Statement) प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है.वर्तमान में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा इंडिविजुअल बॉरोअर को दिए जाने वाले लोन,आरबीआई-रेगुलेटेड एंटिटी (आरई) द्वारा डिजिटल लोन (Digital loans) और माइक्रो फाइनेंस लोन (micro finance loans) के संबंध में केएफएस (KFS) अनिवार्य है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने द्विमासिक मौद्रिक नीति (MPC Meet 2024) की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ग्राहकों पर लगाए गए लोन तथा अन्य शुल्कों के मूल्य निर्धारण में आरई द्वारा अधिक ट्रांसपेरेंसी और खुलासे को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है. ऐसा ही एक उपाय यह है कि बैंको को अपने ग्राहकों को एक सरल तथा समझने में आसान तरीके में लोन समझौते के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी वाला एक केएफएस प्रदान करना होगा.
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘ सभी आरई के लिए सभी रिटेल तथा एमएसएमई लोन के लिए ग्राहकों को केएफएस प्रदान करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है. बैंक द्वारा सभी तरह के इन्टरेस्ट कॉस्ट सहित लोन समझौते की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने से ग्राहकों को सोच-समझकर फैसला करने मदद मिलेगी.