RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत का GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर रखा बरकरार

RBI GDP forecast 2025-26: आरबीआई को उम्मीद है कि इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है, जिससे कृषि और ग्रामीण मांग को और बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, सरकार की तरफ से कैपिटल खर्च यानी बड़ी योजनाओं पर खर्च, बेहतर बिजनेस सेंटीमेंट और आसान फाइनेंशियल कंडीशन्स की वजह से निवेश गतिविधियों में तेजी आ सकती है.

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India GDP Growth Estimate: आरबीआई ने 2025-26 की अलग-अलग तिमाहियों के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान जारी किया है.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि खेती, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में लगातार मजबूती बनी हुई है. इसके अलावा ग्रामीण और शहरी मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.

तिमाही दर तिमाही कितना हो सकता है GDP ग्रोथ?

RBI ने 2025-26 की अलग-अलग तिमाहियों में GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया है.केंद्रीय बैंक के मुताबिक, जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है.

खेती और फसल की स्थिति बेहतर,सर्विस सेक्टर में में मजबूती

RBI गवर्नर ने बताया कि खरीफ और रबी दोनों सीजन में अच्छी फसल हुई है. इससे अनाज की सप्लाई संतुलित बनी हुई है. देश के जलाशयों का स्तर भी सामान्य से बेहतर है और गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी से भंडारण की स्थिति भी ठीक है.

इंडस्ट्रियल एक्टिविटी धीरे-धीरे रिकवर कर रही है, हालांकि सुधार की रफ्तार अलग-अलग सेक्टर में अलग है. वहीं, सर्विस सेक्टर में मजबूती बनी हुई है. मई 2025 में PMI Services इंडेक्स 58.8 रहा, जो अच्छे प्रदर्शन का संकेत है.

डिमांड साइड पर दिखा सुधार

आरबीआई ने कहा कि प्राइवेट कंजम्प्शन यानी निजी खपत में सुधार हुआ है. खासकर जो लोग गैर-जरूरी चीजों पर खर्च करते हैं, उनमें खर्च करने की इच्छा बढ़ी है. ग्रामीण मांग स्थिर बनी हुई है जबकि शहरी इलाकों में तेजी आ रही है.

एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का हाल

अप्रैल 2025 में भारत के गुड्स एक्सपोर्ट (माल निर्यात) में अच्छी बढ़त देखी गई. वहीं, तेल और सोने को छोड़कर अन्य चीजों के आयात में डबल डिजिट ग्रोथ हुई है. इससे पता चलता है कि घरेलू मांग बढ़ रही है. सर्विस सेक्टर का एक्सपोर्ट भी लगातार अच्छी ग्रोथ दिखा रहा है.

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मानसून और निवेश से मिल सकता है और बूस्ट

RBI को उम्मीद है कि इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है, जिससे कृषि और ग्रामीण मांग को और बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, सरकार की तरफ से कैपिटल खर्च (बड़ी योजनाओं पर खर्च), बेहतर बिजनेस सेंटीमेंट और आसान फाइनेंशियल कंडीशन्स की वजह से निवेश गतिविधियों में तेजी आ सकती है.

हालांकि RBI ने यह भी कहा कि कुछ ग्लोबल रिस्क बने हुए हैं. इसमें भू-राजनीतिक तनाव, ग्लोबल ट्रेड में गिरावट और मौसम की अनिश्चितता जैसे फैक्टर शामिल हैं, जो भारत की ग्रोथ के लिए चुनौती बन सकते हैं. साथ ही, FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत जैसे कदम एक्सपोर्ट को फायदा पहुंचा सकते हैं.

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