CPI inflation India 2025-26: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का अनुमान घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 4 प्रतिशत था. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने MPC बैठकके नतीजे की घोषणा के दौरान यह जानकारी दी.
तिमाही-दर-तिमाही महंगाई का अनुमान
RBI का कहना है कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई महंगाई अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. महंगाई पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
महंगाई में दिखा बड़ा सुधार, खाने-पीने की चीजों के दाम में राहत
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि पिछले छह महीनों में महंगाई में अच्छी गिरावट आई है. अक्टूबर 2024 में जहां महंगाई तय सीमा से ऊपर थी, वहीं अब यह RBI के टारगेट से भी नीचे आ चुकी है. इसके पीछे खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट बड़ी वजह रही है.
फ्यूल और कोर महंगाई की स्थिति
तेल और गैस जैसे फ्यूल आइटम्स की महंगाई में थोड़ी बढ़त जरूर हुई, लेकिन कुल मिलाकर यह कंट्रोल में रही. सोने की कीमतों में बढ़त के बावजूद, कोर महंगाई यानी खाने और फ्यूल को छोड़कर बाकी चीजों की महंगाई स्थिर और नियंत्रण में रही.
बेहतर फसल से कीमतों पर काबू
RBI गवर्नर ने कहा कि इस बार गेहूं और दालों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहा है, जिससे खाने की चीजों की सप्लाई पर्याप्त बनी हुई है. साथ ही, मानसून भी सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है. इससे खरीफ फसलों की भी अच्छी पैदावार की उम्मीद है.RBI ने यह भी बताया कि ग्लोबल कमोडिटी प्राइस जैसे कच्चा तेल, धातु आदि की कीमतों में नरमी देखी जा रही है. इससे भी महंगाई को कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी.
हालांकि, RBI ने यह भी कहा कि कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं.जैसे मौसम की अनिश्चितता,ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव,टैरिफ यानी इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर लगने वाले शुल्क से जुड़ी चिंताएं .इन फैक्टर्स पर लगातार नजर रखने की जरूरत है.