भारत में 2025 की दूसरी छमाही में बढ़ सकती है प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट की रफ्तार : रिपोर्ट

Private Equity India 2025: रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं ने सौदे के मूल्य पर अपना दबदबा बनाए रखा है और मई में कुल 42 प्रतिशत का योगदान दिया, जिसमें सुमितोमो मित्सुई द्वारा यस बैंक में 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश शामिल है.

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Grant Thornton PE Report के अनुसार, मई में देश में 4.5 बिलियन डॉलर मूल्य के 179 सौदे रिकॉर्ड किए गए.
नई दिल्ली:

भारत में प्राइवेट इक्विटी (पीई) गतिविधियों में 2025 की दूसरी छमाही में तेजी देखने को मिल सकती है. इसकी वजह मार्केट वैल्यूएशन का स्थिर होना और एक्जिट के अवसरों में वृद्धि होना है. यह जानकारी बुधवार,11 जून को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

मई में हुए 4.5 बिलियन डॉलर के कुल 179 डील्स

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, मई में देश में 4.5 बिलियन डॉलर मूल्य के 179 सौदे रिकॉर्ड किए गए. आईपीओ और क्यूआईपी को छोड़कर बाजार में 4.2 बिलियन डॉलर मूल्य के 175 सौदे हुए हैं, जो अप्रैल की तुलना में वॉल्यूम में 17 प्रतिशत और मूल्य में मामूली 4 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आउटबाउंड एम एंड ए में वृद्धि वैश्विक विस्तार और रणनीतिक विविधीकरण में बढ़ते कॉर्पोरेट विश्वास का संकेत देती है.

दो यूनिकॉर्न और आईपीओ से दूसरी छमाही में रफ्तार की उम्मीद

ग्रांट थॉर्नटन भारत में ग्रोथ पार्टनर शांति विजेता ने कहा, "मई में प्राइवेट इक्विटी सेंटीमेंट में नरमी के कारण कुल मिलाकर डील गतिविधि में मंदी देखी गई. दो यूनिकॉर्न का उभरना और कॉरपोरेट इंडिया के आउटबाउंड सौदों में तेजी से डील के लिए आशाजनक संभावनाएं दिख रही हैं."

उन्होंने कहा, "आईपीओ बाजार में तेजी के आउटलुक से दूसरी छमाही में सौदों में तेजी आने की उम्मीद है."

आउटबाउंड M&A में जबरदस्त तेजी, दिखा कॉरपोरेट आत्मविश्वास

मई में विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) गतिविधियां स्थिर रहीं, जिसमें 2.4 बिलियन डॉलर मूल्य के 68 सौदे हुए, जो अप्रैल की तुलना में सौदा मूल्य में 75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. हालांकि, मात्रा में मामूली 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.बीते महीने आउटबाउंड एम एंड ए गतिविधि में तेज वृद्धि देखी गई, जिसमें अप्रैल में केवल दो की तुलना में 15 सौदे हुए, जो लगभग एक दशक के बाद सीमा पार विकास और एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट्स के बीच नए आत्मविश्वास का संकेत है.

बैंकिंग-फाइनेंस सेक्टर ने डील वैल्यू में दिया सबसे ज्यादा योगदान

पूंजीगत बाजारों में मई में मंदी देखी गई और दो आईपीओ ने करीब 0.3 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई.बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं ने सौदे के मूल्य पर अपना दबदबा बनाए रखा है और मई में कुल 42 प्रतिशत का योगदान दिया, जिसमें सुमितोमो मित्सुई द्वारा यस बैंक में 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश शामिल है.

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फैशन और कंज्यूमर रिटेल में वीसी इन्वेस्टमेंट्स से डील फ्लो मजबूत

रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र ने मजबूत सौदे की गति बनाए रखी, जो शुरुआती चरण की वीसी गतिविधि और फैशन रिटेल सेगमेंट में सिटीकार्ट द्वारा 68 मिलियन डॉलर जुटाए गए जैसे बड़े निवेशों से प्रेरित थी.

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