Pakistan Crisis: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और उनके मंत्रिमंडल ने बुधवार को सर्वसम्मति से देश की खराब आर्थिक स्थिति के कारण अपने वेतन और संबंधित लाभों को नहीं लेने का फैसला किया. प्रधानमंत्री कार्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार की मितव्ययिता नीतियों के तहत मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) के दौरान यह निर्णय लिया गया.
मंत्रिमंडल ने पहले ही सरकार द्वारा वित्त पोषित विदेशी यात्राओं को प्रतिबंधित करने के उपाय पेश किए हैं, जिसमें संघीय मंत्रियों, सांसदों और सरकारी अधिकारियों को बिना पूर्व मंजूरी के सरकारी निधि का उपयोग कर विदेश यात्राओं पर नहीं जाने का आदेश दिया गया है.
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रति माह 8 लाख रुपये से अधिक वेतन मिलता था, जो 2018 में संसद द्वारा तय किया गया था.
इससे पहले, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) और मंत्री मोहसिन नकवी ने देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए मंगलवार को पद पर रहते हुए वेतन नहीं लेने का फैसला किया. जानकारी के मुताबिक, जरदारी पाकिस्तान के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं. राष्ट्रपति सचिवालय ने एक बयान में कहा, राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय खजाने पर बोझ नहीं डालना जरूरी समझा और अपना वेतन छोड़ना पसंद किया.