भारत और जापान के बीच आर्थिक रिश्ते अब और मजबूत होने जा रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जापान सरकार अगले 10 साल में भारत में 10 ट्रिलियन येन यानी करीब 68 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 अगस्त को शुरू होने वाली जापान यात्रा के दौरान हो सकती है.
निवेश पहले से दोगुना करने का लक्ष्य
जापान का यह कदम उसके मौजूदा निवेश लक्ष्य का विस्तार होगा. साल 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत यात्रा के दौरान 5 साल में 5 ट्रिलियन येन निवेश का ऐलान किया था. लेकिन अब जापान ने इसे दोगुना कर दिया है और 10 साल में 10 ट्रिलियन येन निवेश करने की तैयारी में है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और पीएम मोदी टोक्यो में होने वाली बैठक के दौरान इस नए निवेश लक्ष्य की घोषणा कर सकते हैं.
किन क्षेत्रों में होगा निवेश?
यह निवेश सिर्फ पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगा. जापान और भारत दोनों मिलकर एक नया इकोनॉमिक सिक्योरिटी फ्रेमवर्क बनाने की भी योजना बना रहे हैं. इसका मकसद है जरूरी सामानों की सप्लाई सुनिश्चित करना और अहम बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करना.
इस पहल के तहत सेमीकंडक्टर, क्लीन एनर्जी, टेलीकॉम, फार्मा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मिनरल्स जैसे अहम क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा. खास बात यह है कि दोनों देश मिलकर एआई टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए "एआई कोऑपरेशन इनिशिएटिव" भी शुरू करेंगे.
डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 भी होगी लॉन्च
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत और जापान डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 नाम की नई परियोजना पर काम करेंगे. इसका मकसद मैन्युफैक्चरिंग के अलावा उभरते हुए टेक्नोलॉजी सेक्टर्स जैसे एआई, सेमीकंडक्टर और स्टार्टअप्स में सहयोग को बढ़ाना है.
PM मोदी की 2023 के बाद पहली जापान यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से तीन दिन के लिए जापान की यात्रा पर रहेंगे. मई 2023 में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद यह उनकी पहली जापान यात्रा होगी.
पिछले कुछ सालों में जापानी कंपनियों ने हर साल भारत में करीब 1 ट्रिलियन येन का निवेश किया है. अब अगर नया लक्ष्य तय होता है तो आने वाले समय में भारत और जापान का आर्थिक सहयोग और भी बड़ा और मजबूत हो जाएगा.