LG और टाटा समेत 14 कंपनियों ने अक्‍टूबर में लगा दी IPO की झड़ी, जुटाए 46,000 करोड़... आपको कौन-सा मिला?

IPOs This Month: वर्ष 2025 की बात करें तो अब तक 89 आईपीओ ने 1.38 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है, जो इसे एक मजबूत वर्ष के रूप में दर्ज करता है. जबकि अभी साल के आखिरी महीने नवंबर और दिसंबर में कई और आईपीओ प्राइमरी मार्केट में आने वाले हैं.

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भारतीय शेयर बाजार के लिए अक्टूबर का महीना काफी शानदार रहा है. इस महीने कंपनियों ने IPO की भी झड़ी लगा दी. अक्‍टूबर में अब तक 14 कंपनियां IPO के माध्‍यम से 46,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाकर स्‍टॉक मार्केट में एंट्री मार चुकी है. दुनिया में चल रही उथल-पुथल के बावजूद घरेलू पूंजी बाजारों में इस महीने मंथली फंडरेजिंग को लेकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है. ये संभव हो पाया है टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की लिस्टिंग के साथ. टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का ही टोटल फंड रेजिंग में आधे से ज्यादा का योगदान रहा.  

किस कंपनी ने कितने रुपये जुटाए?

जहां, टाटा कैपिटल की ओर से 15,512 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई वहीं, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 11,607 करोड़ रुपये आरंभिक शेयर बिक्री के माध्यम से जुटाए गए. इस गति को रफ्तार देते हुए लेंसकार्ट सॉल्यूशन ने 31 अक्टूबर को अपना 7,278 करोड़ रुपये का इश्यू जारी किया, जो कि 4 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. इस महीने वीवर्क इंडिया, केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस, ओर्कला इंडिया और रूबिकॉन रिसर्च के ऑफर भी शामिल थे.

पिछले साल भी अक्‍टूबर में बना था रिकॉर्ड?

इससे पहले बीते वर्ष 2024 अक्टूबर में छह आईपीओ ने 38,690 करोड़ रुपये जुटा कर एक मंथली हाई रिकॉर्ड दर्ज करवाया था, जिसे इस बार के रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन ने पीछे छोड़ दिया. लेटेस्ट आकंड़ों ने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जब नवंबर 2021 के दौरान नौ आईपीओ से 35,665 करोड़ रुपये, और नवंबर 2024 में आठ आईपीओ से 31,145 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.

इस वर्ष 89 IPO आए, 1.38 लाख करोड़ जुटाए 

वर्ष 2025 की बात करें तो अब तक 89 आईपीओ ने 1.38 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है, जो इसे एक मजबूत वर्ष के रूप में दर्ज करता है. जबकि अभी साल के आखिरी महीने नवंबर और दिसंबर में कई और आईपीओ प्राइमरी मार्केट में आने वाले हैं, जिससे बीते वर्ष 2024 का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद की जा रही है. वर्ष 2024 में फंड रेजिंग 1.60 लाख करोड़ रुपये के आकंड़े को पार कर गई थी.

विश्लेषकों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के प्राइमरी मार्केट की मजबूती और लिक्विडिटी की गहराई को दर्शाती है, जो कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच असमान सेकेंडरी मार्केट सेंटीमेंट के बावजूद भी वाइब्रेंट बना हुआ है.

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