2024-25 में भारत के राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई 145.5 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची

आईडब्ल्यूएआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश के राष्ट्रीय जलमार्गों पर 145.5 मिलियन टन माल की आवाजाही का रिकॉर्ड बनाया है.पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान परिचालन जलमार्गों की कुल संख्या 24 से बढ़कर 29 हो गई है.

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वर्ष 2025 के दौरान परिचालन जलमार्गों की कुल संख्या 24 से बढ़कर 29 हो गई है
नई दिल्ली:

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आईडब्ल्यूएआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश के राष्ट्रीय जलमार्गों पर 145.5 मिलियन टन माल की आवाजाही का रिकॉर्ड बनाया है. पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान परिचालन जलमार्गों की कुल संख्या 24 से बढ़कर 29 हो गई है. बढ़े जलमार्ग की वजह से अधिक माल परिवहन में मदद मिली है.

पिछले दशक में यातायात में हुई तेज वृद्धि 

2014-2025 के बीच इस क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज किया गया है. इस दशक के बीच राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल यातायात 18.10 एमएमटी से बढ़कर 145.5 एमएमटी हो गया है. इसमें 20.86 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि हुई है.
वित्त वर्ष 2025 में यातायात की आवाजाही ने पिछले वर्ष की तुलना में सालाना आधार पर 9.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. 2025 में राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) पर ले जाए गए कुल माल का 68 प्रतिशत हिस्सा कोयला,
लौह अयस्क, लौह अयस्क चूर्ण, रेत और फ्लाई ऐश था.


आवाजाही सुव्यवस्थित करने के लिए बना जलवाहक योजना 

जलवाहक योजना पिछले वर्ष दिसंबर में शुरु किया गया था. इसका निर्माण एनडब्ल्यू पर माल की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए किया गया था. इस योजना को बढ़ावा देने के लिए, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल के माध्यम से
 एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 पर शेड्यूल्ड कार्गो सर्विस को चालू किया गया. इस योजना से 800 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो को आईडब्ल्यूटी मोड में डायवर्ट करने की उम्मीद है जो राष्ट्रीय जलमार्गों पर वर्तमान 4,700 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो का लगभग 17 प्रतिशत है.

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अंतर्देशीय टर्मिनलों के विकास के लिए बना राष्ट्रीय जलमार्ग विनियम

राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय टर्मिनलों के विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग (जेट्टी/टर्मिनलों ) विनियम 2025 का निर्माण हुआ है. निजी, सार्वजनिक और संयुक्त उद्यम संस्थाएं डिजिटल पोर्टल 
के माध्यम से आईडब्ल्यूएआई से एनओसी प्राप्त कर देश भर में जेटी/टर्मिनल विकसित कर सकती हैं. कार्गो की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए दूसरी पहलों में परेशानी-मुक्त परिचालन के लिए फेयरवे का विकास शामिल है. राष्ट्रीय जलमार्गों पर पहचाने गए हिस्सों के लिए एंड-टू-एंड ड्रेजिंग कॉन्ट्रैक्ट जारी किए गए हैं. विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों पर रोल-ऑन/रोल-ऑफ (रो-रो) और रो-पैक्स सेवाओं की शुरुआत ने भी यातायात को बढ़ावा देने में मदद की है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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