अग्रणी रेटिंग एवं आर्थिक शोध कंपनी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति के औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.क्रिसिल ने कहा, ‘‘ मानसून की सामान्य स्थिति को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी, जबकि गैर-खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है. जिंस कीमतों में नरमी के कारण इसके नरम बने रहने की उम्मीद है.''
रेटिंग कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से घटकर 4.75 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत थी.
शहरी अर्थव्यवस्था को सख्त ऋण शर्तों से किया जा सकता है नियंत्रित
क्रिसिल ने कहा कि शहरी अर्थव्यवस्था को सख्त ऋण शर्तों से नियंत्रित किया जा सकता है. हाल के महीनों में बैंक खुदरा ऋण वृद्धि में कमी आई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने पर प्रतिबंध लगाने के विनियामक उपायों का असर उपभोक्ता ऋणों पर भी पड़ेगा.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ सरकार के अच्छे पूंजीगत व्यय के बावजूद, राजकोषीय समेकन के कारण इसके पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने का अनुमान है.''
इस वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रहेगी
इसमें कहा गया कि धीमी वैश्विक वृद्धि से वस्तु निर्यात में वृद्धि बाधित हो सकती है, जिससे इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वर्ष 8.2 प्रतिशत थी.