इंडसइंड बैंक के शेयर की कीमत(IndusInd Bank share price) मंगलवार, 11 मार्च को 27.06 प्रतिशत गिरकर 656.8 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुई. क्योंकि लेंडर के इंटरनल रिव्यू में इसकी नेट वर्थ (दिसंबर 2024 तक) पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया गया था.शेयर ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग सेशन के दौरान 52 सप्ताह के नए निचले स्तर को भी छुआ, जो लगातार पांचवें सेशन में नुकसान का संकेत है.
इंडसइंड बैंक का शेयर (IndusInd Bank Shares) बीएसई में 27.17 प्रतिशत गिरकर 655.95 रुपये पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान इसने 649 रुपये प्रति शेयर के अपने एक साल के निचले स्तर को छुआ.
डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के खुलासे का असर
प्राइवेट लेंडर द्वारा अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो (Derivative portfolio) में गड़बड़ी का खुलासा करने के बाद यह भारी गिरावट दर्ज की गई.यह गिरावट बैंक के इतिहास में सबसे बड़ा सिंगल-डे फॉल थी, इसलिए बैंक के बाजार मूल्य से लगभग 19,500 करोड़ रुपये कम हो गए.इस गिरावट के साथ, इंडसइंड बैंक ने जनवरी 2024 में अपने पीक से बाजार पूंजीकरण में लगभग 78,762 करोड़ रुपये खो दिए हैं.
बैंक की संपत्ति में लगभग 2,100 करोड़ की गिरावट की उम्मीद
इंटरनल रिव्यू के दौरान इसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 2.35 प्रतिशत की गड़बड़ी पाए जाने के बाद बैंक की कुल संपत्ति में लगभग 2,100 करोड़ रुपये की गिरावट आने की उम्मीद है. हिंदुजा प्रमोटेड लेंडर अपनी चौथी तिमाही की आय या वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इस नुकसान की भरपाई करने की योजना बना रहा है.
कई ब्रोकरेज ने बैंक के स्टॉक के लिए टारगेट प्राइस में की कटौती
इंटरनल रिव्यू के चलते बैंक के स्टॉक के लिए कई ब्रोकरेज से टारगेट प्राइस में कटौती की एक सीरीज को भी शुरू कर दिया है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमंत कठपालिया को केवल एक वर्ष का विस्तार दिए जाने के कुछ दिनों बाद ताजा उथल-पुथल के बीच है.
बैंक ने नुकसान के रिव्यू के लिए कंसल्टेंसी फर्म किया नियुक्ति
बैंक को हुए नुकसान के अंतिम आंकड़े बाहरी एजेंसी की पड़ताल के बाद पता चलेंगे .बैंक ने अपनी ट्रेजरी बुक में पाई गई विसंगतियों के एक्सटर्नल रिव्यू के लिए एक प्रमुख कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया को नियुक्त किया है, जो अपनी रिपोर्ट अप्रैल की शुरुआत में देगी. रिपोर्ट बताती है कि पीडब्ल्यूसी से दो से तीन सप्ताह के भीतर अपने निष्कर्ष पेश करने की उम्मीद है. सिटी ने कहा कि सक्सेशन के व्यू पॉइंट से इंडसइंड बैंक को "लिटमस टेस्ट" का सामना करना पड़ेगा और बोर्ड एक्सटर्नल और इंटरनल दोनों कैंडिडेट्स का मूल्यांकन कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा, "हमारे विचार में, इस एपिसोड का असर एमडी और सीईओ के कार्यकाल को केवल 1 वर्ष के लिए बढ़ाने के आरबीआई के फैसले पर पड़ा. वित्त वर्ष 2027 एबीवी पर मूल्यांकन 0.9 गुना है और हमने टारगेट प्राइस को 1,400 रुपये से घटाकर 1,000 रुपये कर दिया है."