IndiGo का 2030 तक नए रूट के साथ डेस्टिनेशन में दोगुना विस्तार का लक्ष्य: सीईओ पीटर एल्बर्स

वर्तमान में इंडिगो 88 घरेलू और 33 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक उड़ान भरता है. इसके बेड़े में 360 से अधिक विमान हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Indigo Airline का मकसद विदेशी उपस्थिति को और बढ़ाना है.

इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने कहा कि एयरलाइन का लक्ष्य 2030 तक नए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों के साथ-साथ गंतव्यों का आकार दोगुना करना है. इंडिगो 60 प्रतिशत से कुछ अधिक की घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. यह ए321 एक्सएलआर विमान पर भी बड़ा दांव लगा रही है, जिसके ‘‘2025 में'' उसके बेड़े का हिस्सा बनने की उम्मीद है. इसको शामिल करके एयरलाइन का मकसद विदेशी उपस्थिति को और बढ़ाना है.

एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा कि वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ उसका विस्तार करने का प्रयास कर रही इंडिगो का अगला बड़ा लक्ष्य दशक के अंत तक अपना आकार दोगुना करना होगा.अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए इंडिगो प्रमुख ने कहा हर हफ्ते एक विमान आ रहा है. 

आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ प्रैट एंड व्हिटनी इंजन संकट के बीच एल्बर्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि एयरलाइन कई राहत उपाय कर रही है जिनके परिणाम सामने आ रहे हैं और एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड (एओजी) की स्थिति ‘‘स्थिर'' है. वर्तमान में वाहक 88 घरेलू और 33 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक उड़ान भरता है. इसके बेड़े में 360 से अधिक विमान हैं.एल्बर्स ने कहा, ‘‘ वर्ष 2030 तक आज के आकार से दोगुना होना, वैश्विक पहुंच वाली एक एयरलाइन बनना महत्वाकांक्षी लक्ष्य है... अधिक कोडशेयर साझेदारी की उम्मीद की जा सकती है.''

इंडिगो के पास वर्तमान में टर्किश एयरवेज, ब्रिटिश एयरवेज, कतर एयरवेज, अमेरिकन एयरलाइंस, केएलएम-एयर फ्रांस, क्वांटास, जेटस्टार और वर्जिन अटलांटिक के साथ कोडशेयर है.कोडशेयरिंग एक एयरलाइन को अपने यात्रियों को अपने साझेदार वाहक पर बुक करने और विभिन्न गंतव्यों के लिए निर्बाध यात्रा प्रदान करने की अनुमति देती है.एल्बर्स के अनुसार, इंडिगो भारत में एक मजबूत विमानन परिवेश तंत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, तो भारत में एक विमानन परिवेश तंत्र होना चाहिए जो देश के आकार, क्षमता और महत्वाकांक्षा से मेल खाता हो. इसमें इंडिगो एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है.''उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ए321 एक्सएलआर विमान से एयरलाइन को अपनी पहुंच का और विस्तार करने में मदद मिलेगी. ए321 एक्सएलआर विमान के ‘‘2025 में'' बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है. 

Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War Explained: Trump की ताजपोशी से पहले क्यों मची होड़
Topics mentioned in this article