इंटरग्लोब एविएशन यानी इंडिगो के को-फाउंडर राकेश गंगवाल (Rakesh Gangwal) और उनके फैमिली ट्रस्ट ने कंपनी में अपनी 5.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है. यह डील मंगलवार को ब्लॉक डील के जरिए हुई, जिसमें करीब 11,385 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेची गई.
शेयर में आई गिरावट
इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. एनएसई पर इंडिगो के शेयरों में करीब 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. ब्लॉक डील में 2.2 करोड़ से ज्यादा शेयरों का लेनदेन हुआ, जिसकी कीमत करीब 6,591 करोड़ रुपये रही.
इस डील में गोल्डमैन सैक्स इंडिया सिक्योरिटीज, मॉर्गन स्टेनली इंडिया और जे पी मॉर्गन इंडिया ने प्लेसमेंट एजेंट की भूमिका निभाई. गंगवाल के अलावा, चिन्करपू फैमिली ट्रस्ट ,जिसके ट्रस्टी शोभा गंगवाल और जेपी मॉर्गन ट्रस्ट कंपनी हैं, ने भी अपनी हिस्सेदारी बेची.
पहले कितनी थी हिस्सेदारी?
इस लेनदेन से पहले राकेश गंगवाल और उनके ट्रस्ट के पास इंडिगो में करीब 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. अब उन्होंने 5.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है.राकेश गंगवाल और उनकी पत्नी शोभा गंगवाल फरवरी 2022 से इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे बेच रहे हैं.
- सितंबर 2022 में 2.74 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 2,005 करोड़ रुपये में बेची.
- फरवरी 2023 में शोभा गंगवाल ने 4 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,944 करोड़ रुपये में बेची.
- अगस्त 2023 में करीब 2.9 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,800 करोड़ रुपये से ज्यादा में बेची.
- अगस्त 2024 में 5.24 प्रतिशत हिस्सेदारी 9,549 करोड़ रुपये में बेची गई थी.
क्यों बेच रहे हैं हिस्सेदारी?
गंगवाल द्वारा हिस्सेदारी बेचने की शुरुआत फरवरी 2022 में हुई थी, जब उनका को-फाउंडर राहुल भाटिया के साथ कामकाज को लेकर मतभेद हुआ था. इसके बाद से ही उन्होंने इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी कम करने का फैसला किया.