भारत के सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ अगस्त में 15 वर्ष के उच्चतम स्तर पर रही है. इससे सर्विस प्रोवाइडर्स को बीते एक दशक की सबसे तेज कीमतों में बढ़ोतरी का मौका मिला है. यह जानकारी बुधवार ,3 सितंबर को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई.
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त में 62.9 रहा है, जो कि जुलाई में 60.5 था.
बता दें कि जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो यह बढ़ोतरी को दिखाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में मांग का एक प्रमुख संकेतक नया व्यवसाय जून 2010 के बाद से सबसे तेज दर से बढ़ा. अंतरराष्ट्रीय मांग में मजबूती आई है और निर्यात ऑर्डरों में 14 महीनों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. मजबूत विदेशी मांग ने सर्विस प्रोवाइडर्स को ग्राहकों के लिए कीमतों में और अधिक आक्रामक वृद्धि करने में सक्षम बनाया. उत्पादन मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई 2012 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और इनपुट लागत नौ महीनों में सबसे तेज दर से बढ़ी.
रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त में आगामी वर्ष के लिए व्यावसायिक विश्वास तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो अनुकूल विज्ञापन खर्च और सकारात्मक मांग पूर्वानुमानों से प्रेरित था.
कंपोजिट पीएमआई अगस्त में 17 वर्षों के उच्चतम स्तर पर
सेवाओं और विनिर्माण को मिलाकर कंपोजिट पीएमआई, अगस्त में बढ़कर 63.2 हो गया, जो जुलाई में 61.1 था. यह 17 वर्षों का उच्चतम स्तर है और भारत की अर्थव्यवस्था के दोनों क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गति को दर्शाता है.
पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8%
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सेवाओं और विनिर्माण में मजबूत वृद्धि और अनुकूल मानसून की स्थिति के कारण यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनी हुई है.