Year Ender 2024: भारतीय स्टॉक मार्केट बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार, मार्केट कैप 5 ट्रिलियन डॉलर के पार

रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स ने इस वर्ष क्रमशः 26,277.35 और 85,978.25 का नया सर्वकालिक उच्च स्तर बनाया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Stock Market Updates: भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में भाग लेने के लिए घरेलू और वैश्विक निवेशकों जैसे एआईएफ, पीएमएस, म्यूचुअल फंड आदि के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं.
नई दिल्ली:

भारतीय शेयर बाजार के लिए 2024 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा. इस दौरान शेयर बाजार का पूंजीकरण 5.29 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक गया और वैश्विक स्तर पर अमेरिका, चीन और जापान के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बना. यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई. वित्तीय फर्म पैंटोमैथ ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स ने इस वर्ष क्रमशः 26,277.35 और 85,978.25 का नया सर्वकालिक उच्च स्तर बनाया.

वित्त वर्ष 24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2 प्रतिशत

वित्त वर्ष 24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि उम्मीद से अधिक थी. हालांकि, महंगाई और कमजोर खपत के कारण वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में वृद्धि दर कमजोर रही है.रिपोर्ट में आगे कहा गया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सरकारी खर्च, निजी निवेश और ग्रामीण विकास में तेजी से वृद्धि दर में सुधार की उम्मीद है.

भारत वैल्यू फंड की सीआईओ और फंड मैनेजर मधु लूनावत के अनुसार, मध्यम अवधि के निवेश के दृष्टिकोण से भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में भाग लेने के लिए घरेलू और वैश्विक निवेशकों जैसे एआईएफ, पीएमएस, म्यूचुअल फंड आदि के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं.

ऑटोमोबाइल क्षेत्र 10% बढ़कर 6.14 लाख करोड़ रुपये

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र 10 प्रतिशत बढ़कर 6.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें ईवी अपनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है और इस सेक्टर से वित्त वर्ष 26 तक निर्यात 30 अरब डॉलर होने का अनुमान है.भारत 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन और 2030 तक 50 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और रिन्यूएबल एनर्जी में 100 प्रतिशत एफडीआई द्वारा समर्थन दिया जा रहा है.

एसीएमआईआईएल के रिटेल रिसर्च प्रमुख, देवांग शाह ने कहा, "भारतीय कॉरपोरेट आय में और सुधार की उम्मीद है. सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़ेगी और कंपनियों को कमोडिटी की कीमतों में नरमी का लाभ मिलेगा, जिससे मुनाफे और मार्जिन दोनों में वृद्धि होगी."

देवांग शाह ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग, सकारात्मक व्यापक आर्थिक कारकों और निजी पूंजीगत व्यय में सुधार के कारण आगामी तिमाहियों में कंपनियों का प्रदर्शन मजबूत रहने की उम्मीद है.

Featured Video Of The Day
Manmohan Singh Last Rites: अंतिम संस्कार के लिए Nigambodh Ghat पर नेताओं का आवागमन शुरू