भारत में रियल एस्टेट सेक्टर ने इस साल आईपीओ के जरिए लगभग 13,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो 2023 में जुटाई गई राशि से लगभग दोगुना है.कोलियर्स इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 20 अक्टूबर तक विभिन्न सेक्टर्स में लाए गए 123 नए आईपीओ इसकी मुनादी करते हैं. बताते हैं कि साल 2024 पहले ही 2023 में पेश हुए आईपीओ की कुल संख्या को पार कर चुका है.
अब तक शेयर बाजार में 21 रियल एस्टेट आईपीओ लॉन्च
वर्ष 2021 से अब तक शेयर बाजार में 21 रियल एस्टेट आईपीओ आए हैं, जो 2017-2020 के दौरान पिछले चार वर्षों में हुई 11 लिस्टिंग की तुलना में काफी अधिक है.महामारी के बाद के दौर में 21 रियल एस्टेट कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 31,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पहले की चार साल की अवधि यानी 2017-2020 में जुटाई गई धनराशि से दोगुने से भी अधिक है.
रियल एस्टेट में आईपीओ में वृद्धि का नेतृत्व मुख्य रूप से हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा किया गया, जिनका हिस्सा 2021-2024 के दौरान जुटाई गई पूंजी में 46 प्रतिशत था. इसके बाद रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) का नंबर रहा, जिनकी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत रही.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आवासीय परिसंपत्तियों पर ध्यान देने वाले लीडिंग रियल एस्टेट डेवलपर्स ने भी 5,600 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण धनराशि जुटाई, जो पिछली चार वर्ष की अवधि की तुलना में 10 गुना अधिक है.
आवासीय, वाणिज्यिक और खुदरा क्षेत्रों में मजबूत मांग से प्रेरित होकर आने वाले समय में ग्रेड ए कार्यालयों और मॉल जैसी परिसंपत्तियों वाले रियल एस्टेट डेवलपर्स, एचएफसी और आरईआईटी द्वारा आईपीओ में वृद्धि देखी जाएगी.इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि ऋण दरों में कमी की उम्मीद से रियल एस्टेट एक्टिविटी को और बढ़ावा मिल सकता है.
हाल के वर्षों में, स्टॉक एक्सचेंजों पर रियल एस्टेट आईपीओ की मात्रा न केवल बढ़ी है, बल्कि नई कैटेगरी में भी विविधता आई है.प्रमुख फ्लेक्स स्पेस ऑपरेटर शहरों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं और अपनी आईपीओ योजनाओं में तेजी ला रहे हैं.
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, "बीएसई रियल्टी इंडेक्स का इस साल अब तक का प्रदर्शन 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ प्रभावशाली रहा है, जो सेंसेक्स से काफी आगे रहा है."