'भारतीय बाजार' मीडियम-टर्म बॉटम के करीब पहुंच रहा : रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐतिहासिक पैटर्न बताते हैं कि एक्सट्रीम ब्रेड्थ रीडिंग अक्सर बाजार के निचले स्तर से पहले होती है. लेकिन, निवेशकों को पोजीशन लेने से पहले रिकवरी की पुष्टि होने का इंतजार करना चाहिए."

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

टेक्निकल इंडीकेटर, ऐतिहासिक पैटर्न और सेक्टोरल वैल्यूएशन से पता चलता है कि 'भारतीय बाजार' मीडियम-टर्म बॉटम के करीब पहुंच रहा है. हालांकि, अभी तक कोई स्पष्ट तेजी का संकेत नहीं मिला है. मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपनी 'इंडिया इक्विटीज एक्सक्लूसिव रिपोर्ट' में कहा, "हम निवेशकों को 21,700-22,000 के बीच कुछ दीर्घ अवधि के लिए निवेश करने की सलाह देंगे."

रिपोर्ट में कहा गया है, "हममें से अधिकांश लोग सटीक टॉप और बॉटम को नहीं जान सकते हैं, लेकिन विवेकपूर्ण निवेश का मतलब अवसरों को भुनाना है, खासकर तब जब सेंटीमेंट इतना एकतरफा हो. ऐसा ही एक अवसर अभी है."

अलग-अलग सेक्टर में वैल्यूएशन उनके एक-वर्ष और पांच-वर्ष के औसत से नीचे हैं, जो दीर्घ अवधि के निवेशकों के लिए संभावित अवसरों की ओर संकेत करता है. निफ्टी-50 इंडेक्स ने सितंबर 2024 के अपने शिखर 26,277 से लगभग 16 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट का अनुभव किया है, जो 2008-2009 की महामंदी के बाद छठी सबसे बड़ी गिरावट और मार्च 2020 में कोविड के कारण हुई गिरावट के बाद दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है.

नवंबर 1996 में आखिरी बार देखी गई पांच महीने की गिरावट ने संभावित मंदी के बाजार के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं. निफ्टी ने 100-वीक के मूविंग एवरेज एनवेलप (+/-3 प्रतिशत) द्वारा परिभाषित एक महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र में प्रवेश किया है, जिसमें कोविड-क्रैश जैसी चरम घटनाओं को छोड़कर ऐतिहासिक रूप से गिरावट शामिल रही है. यह किसी तरह के टिकाऊ निचले स्तर के निकट होने का संकेत देता है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐतिहासिक पैटर्न बताते हैं कि एक्सट्रीम ब्रेड्थ रीडिंग अक्सर बाजार के निचले स्तर से पहले होती है. लेकिन, निवेशकों को पोजीशन लेने से पहले रिकवरी की पुष्टि होने का इंतजार करना चाहिए."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Politics: क्या यमुना की सफाई सिर्फ कागजी? देखें NDTV की EXCLUSIVE पड़ताल