Investment Tips: भारत में लॉन्ग टर्म के लिहाज से निवेश करना काफी भरोसेमंद है और चीन के मुकाबले यहां से काफी अच्छा रिटर्न मिलता रहेगा. मोबियस कैपिटल पार्टनर्स (Mobius Capital Partners) के को-फाउंडर मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने यह बात कही है. NDTV Profit को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'कई ग्लोबल निवेशकों, खासकर अमेरिका के निवेशकों को चीन में निवेश करके काफी नुकसान हुआ है और अब वो आगे निवेश करने के बारे में चिंतित हैं.'
चीन के बजाय, निवेशकों को भारत एक भरोसेमंद निवेश के तौर पर नजर आ रहा है. भारत दुनिया के नक्शे पर ऐसा देश है, जिसकी आबादी 100 करोड़ से ज्यादा की है और अधिकतर आबादी युवाओं की है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के वैल्यूएशन के लिए प्राइस टू अर्निंग रेश्यो का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन चीन के साथ समस्या ये है कि चीन की ग्रोथ भारत के मुकाबले कहीं टिकती नहीं दिख रही है. मोबियस के मुताबिक, अर्निंग के मुकाबले कीमतें ज्यादा लग रही हैं, जिससे PE रेश्यो भी ज्यादा लग रहा है.
भारत अन्य देशों के मुकाबले किफायती
मोबियस आगे कहते हैं, 'अगर आप अर्निंग का ग्रोथ रेट देखें, भारत अन्य देशों के मुकाबले बहुत किफायती है'. उन्होंने कहा, 'इसीलिए हम मार्केट या कंपनी देखते समय प्राइस-अर्निंग को जानबूझकर अमल में नहीं लाते हैं. इसके बदले हम रिटर्न ऑन कैपिटल या EPS ग्रोथ पर नजर रखते हैं'.
मौजूदा हालातों से भारत ने चीन से बेहतर किया परफॉर्म
भारत ने चीन के मौजूदा हालातों से बेहतर परफॉर्म किया है. हालांकि, ये मानना भी ठीक नहीं होगा कि चीन आगे भी ऐसी ही हालत में रहेगा. रिकवरी में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इस दौरान ये निवेश चीन से निकलकर भारत में आ सकता है. मोबियस ने कहा, फिलहाल, भारत में उनका 25% का निवेश है और आने वाले वक्त में वो अपना पोर्टफोलियो बढ़ा भी सकते हैं.
भारत में कई कारणों से निवेश आने का अनुमान
मोबियस ने कहा कि भारत में कई कारणों से निवेश आने का अनुमान है, इसमें मजबूत वैल्यू, लगातार आने वाले ग्रोथ के अवसर और भारतीय बाजार का बड़ा आकार, कुछ जरूरी पहलू हैं. ये आकार में बड़े हैं और लगातार फैल रहे हैं. भारत की रियल इकोनॉमी में बदलाव के दो बड़े कारणों पर भी उन्होंने गौर किया.
भारत सरकार टेक्नोलॉजी और डिजिटाइजेशन को कर रही प्रमोट
सबसे पहले तो, टेक्नोलॉजी और डिजिटाइजेशन को सरकार प्रमोट कर रही है, जो ग्रोथ के लिए काफी जरूरी है. हालांकि, ये न केवल भारत बल्कि दूसरे देशों में भी हो रहा है. वहीं, भारत में युवाओं की अच्छी आबादी है, जिसमें नई टेक्नोलॉजी को खुद में ढालने और एडजस्ट करने की क्षमता काफी अच्छी है.
कहां करें निवेश?
मोबियस ने एक बड़ा फैक्टर, फिर चाहे वो ट्रांसपोर्टेशन में हो, इंफ्रास्ट्र्क्चर में हो या फिर बैंकिंग में हो, निश्चित रूप से टेक्नोलॉजी है.उन्होंने कहा, 'हम टेक्नोलॉजी को बहुत पसंद करते हैं. इसका मतलब ये नहीं कि हम केवल सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों या फिर टेक सेक्टर की हार्डवेयर कंपनियों पर फोकस करेंगे. हम इनके साथ उन कंपनियों पर भी फोकस करेंगे, जो टेक्नोलॉजी के जरिए अपनी ग्रोथ और मुनाफे को बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं'.
मोबियस ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों को सप्लाई करने वाली कंपनियां, EV इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा, 'इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में इलेक्ट्रॉनिक्स अपने आप में एक जरूरी सेगमेंट हो सकता है'.