वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत मजबूत, वित्त वर्ष 2026 में अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ेगी: बर्नस्टीन

बर्नस्टीन ने भारतीय शेयर बाजार के लिए भी सकारात्मक रुख अपनाया हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य सूचकांक निफ्टी 50 के लिए वर्ष के अंत तक 26,500 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि, ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस ने सतर्क रहने की भी सलाह दी है, क्योंकि वैश्विक अस्थिरता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Indian Economy: बर्नस्टीन ने कहा कि संभावित अमेरिका में मंदी से कमोडिटीज की कीमतें भी कम हो सकती हैं, जो भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है.
नई दिल्ली:

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आया धीमापन समाप्त हो चुका है और आगामी वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में देश की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. भू-राजनीतिक जोखिमों जैसे अमेरिका में मंदी की संभावना और जवाबी टैरिफ पर, बर्नस्टीन ने कहा कि भारत की रणनीति के कारण आने वाले वर्षों के लिए अर्थव्यवस्था का आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है.

ग्लोबल ब्रोकरेज ने अपने नोट में कहा, "वैश्विक अस्थिरता के बीच, अगर अमेरिकी मंदी आती है तो भारत लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है."

भारत की विकास गति हमेशा अमेरिकी अर्थव्यवस्था से स्वतंत्र रही है और पिछले अनुभवों से पता चलता है कि आर्थिक मंदी के दौरान भारत आमतौर पर अमेरिका से पहले उबर गया था.

साल के अंत तक 26,500 पर पहुंच सकता है निफ्टी 50

बर्नस्टीन ने भारतीय शेयर बाजार के लिए भी सकारात्मक रुख अपनाया हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य सूचकांक निफ्टी 50 के लिए वर्ष के अंत तक 26,500 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि, ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस ने सतर्क रहने की भी सलाह दी है, क्योंकि वैश्विक अस्थिरता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.

अमेरिका में मंदी से कमोडिटीज की कीमतें घटेंगी

बर्नस्टीन ने कहा कि संभावित अमेरिका में मंदी से कमोडिटीज की कीमतें भी कम हो सकती हैं, जो भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है.ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कच्चा तेल, कॉपर, एल्यूमीनियम और स्टील जैसी कमोडिटीज की कीमतें अमेरिकी अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर करती हैं.ऐसी स्थिति में भारत के आयात बिल में कमी आएगी. इससे देश में महंगाई दर में भी कमी आएगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आउटलुक पॉजिटिव

भारतीय शेयर बाजार में कई प्रमुख कारकों से तेजी जारी है, जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, घरेलू और विदेशी निवेशकों की मजबूत खरीदारी और भारतीय अर्थव्यवस्था का पॉजिटिव आउटलुक शामिल हैं.

इसके अलावा, भारतीय रुपये में स्थिरता, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा खरीदारी से भी निवेशकों का सेंटीमेंट सकारात्मक बना हुआ है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bangkok Earthquake: ध्वस्त हुई इमारत में अब भी फंसे 100 लोग, रेस्क्यू जारी | NDTV Ground Report