डेलॉयट इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. निर्यात में तेजी और पूंजी प्रवाह इसमें मुख्य कारक रहेंगे. डेलॉयट ने भारत की आर्थिक परिदृश्य पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि मध्यम आय वर्ग की तेज वृद्धि से क्रय शक्ति बढ़ी है. प्रीमियम लक्जरी उत्पादों व सेवाओं की मांग भी उत्पन्न हुई है.
पिछले वित्त वर्ष के लिए डेलॉयट ने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 7.6 से 7.8 प्रतिशत के बीच कर दिया है. जनवरी में कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि के 6.9 से 7.2 प्रतिशत की सीमा में रहने का अनुमान लगाया था.
डेलॉयट ने तिमाही के आर्थिक परिदृश्य में कहा कि देश की जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 6.6 प्रतिशत और उसके अगले वर्ष 6.75 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. बाजार अपने निवेश तथा उपभोग निर्णयों में भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखना सीख रहे हैं.
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘ वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2025 में एक समकालिक बदलाव देखने की उम्मीद है क्योंकि प्रमुख चुनावी अनिश्चितताएं दूर हो जाएंगी और पश्चिम के केंद्रीय बैंक 2024 में बाद में कुछ दरों में कटौती की घोषणा कर सकते हैं. भारत में पूंजी प्रवाह में सुधार और निर्यात में उछाल देखने की भी संभावना है.''
रुमकी मजूमदार ने कहा कि मजबूत आर्थिक गतिविधि के दम पर पूर्वानुमानित अवधि में मुद्रास्फीति के भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य स्तर चार प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है.