भारत की अर्थव्यवस्था 2026 की शुरुआत में उम्मीद से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच GDP ग्रोथ 6.7 प्रतिशत (6.7%) तक पहुंच सकती है. यह अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के 6.5 प्रतिशत (6.5%) के अनुमान से ज्यादा है.
GVA में दिखेगा उछाल
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट बताती है कि इस तिमाही में GVA (Gross Value Added ) की ग्रोथ लगभग 6.4 प्रतिशत (6.4%) रह सकती है. खासकर सर्विस सेक्टर में मजबूत रफ्तार दिखने की उम्मीद है. रिपोर्ट का कहना है कि सर्विसेज का GVA इस बार 8.3 प्रतिशत (8.3%) तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल की चौथी तिमाही में 7.3 प्रतिशत (7.3%) था.
शहरी मांग और त्योहारी सीजन का असर
रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में राहत और GST रेट घटने से शहरी इलाकों में खपत (Consumption) और मांग में मजबूती देखने को मिल सकती है. त्योहारी सीजन भी इस ग्रोथ को और बढ़ावा देगा.
सरकार के खर्च और टैक्स कलेक्शन में तेजी
ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि इस तिमाही में शुद्ध अप्रत्यक्ष करों (Net Indirect Taxes) में डबल डिजिट की तेजी आने की संभावना है. यह ट्रेंड सरकार के टैक्स कलेक्शन के मजबूत होने का नतीजा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार और राज्यों का खर्च बढ़ने से भी ग्रोथ को सपोर्ट मिल रहा है.
24 राज्य सरकारों का गैर-ब्याज खर्च (Non-interest Expenditure) इस तिमाही में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत (10.7%) बढ़ सकता है, जबकि पिछली तिमाही में यह 7.2 प्रतिशत (7.2%) था.
केंद्र सरकार का गैर-ब्याज राजस्व खर्च भी इस बार 6.9 प्रतिशत (6.9%) बढ़ने का अनुमान है, जबकि पिछली तिमाही में इसमें 6.1 प्रतिशत (6.1%) की गिरावट आई थी.
क्यों दिख रही है ग्रोथ
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure), राजस्व व्यय (Revenue Expenditure), कुछ क्षेत्रों से एक्सपोर्ट ग्रोथ और खपत में सुधार जैसे फैक्टर्स मिलकर पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार को और मजबूत बना रहे हैं. यही कारण है कि GDP ग्रोथ 6.7 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है.