भारत अब दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक एप्पल के लिए मजबूत और भरोसेमंद मैन्युफैक्चरिंग (Apple India manufacturing)हब बनता जा रहा है. यूएस-बेस्ड कंपनी एप्पल ने हाल ही में दोहराया कि वह भारत में अपने प्रोडक्ट्स बनाना जारी रखेगी और ‘मेक इन इंडिया' (Make in India)पहल को और आगे बढ़ाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने भी एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को यह साफ कर दिया है कि भारत उनके लिए लॉन्ग टर्म में बड़ा मार्केट और मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बन सकता है.
एप्पल की निवेश योजनाएं बरकरार
मामले से जुड़े लोगों ने जानकारी दी कि भारत में एप्पल की निवेश योजनाओं (Apple investment in India) में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. यह तब सामने आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trmup) ने सुझाव दिया था कि एप्पल को भारत की जगह अमेरिका में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स पर ध्यान देना चाहिए. हालांकि इसके बाद भी एप्पल की भारत को लेकर रणनीति में कोई बदलाव नहीं देखा गया.
भारत बना सप्लाई चेन का नया सेंटर
पिछले कुछ वर्षों में भारत, एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन गया है. हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि एप्पल जैसी ग्लोबल कंपनियां भारत की आर्थिक क्षमता को समझती हैं और इसीलिए यहां मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगा रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में एप्पल अपने सभी मोबाइल फोन भारत से ही बनाएगा और खरीदेगा.
भारत से होगा iPhone का बड़ा एक्सपोर्ट
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने भी पुष्टि की कि अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत से लिए जाएंगे, जबकि चीन से सिर्फ दूसरे बाजारों के लिए प्रोडक्ट्स बनाए जाएंगे. यानी भारत अब सिर्फ लोकल मार्केट नहीं, बल्कि अमेरिका जैसे बड़े बाजारों के लिए भी एक्सपोर्ट (Apple exports from India) हब बनता जा रहा है.
सेल्स में तगड़ी ग्रोथ, iPhone 16 बना सबसे पॉपुलर
आईडीसी की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च तिमाही में भारत में एप्पल ने सभी बड़े ब्रांड्स को पीछे छोड़ते हुए 23% की सबसे तेज ग्रोथ दर्ज की. पहली बार किसी तिमाही में एप्पल की 30 लाख यूनिट्स की बिक्री (Apple iPhone sales India) हुई. इस दौरान iPhone 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल रहा, जो इस तिमाही के कुल शिपमेंट का 4% था.
भारत क्यों बन रहा है एप्पल के लिए गेमचेंजर?
साइबरमीडिया रिसर्च (CMR) के उपाध्यक्ष प्रभु राम के अनुसार, भारत का बढ़ता हुआ घरेलू मार्केट, बेहतर एक्सपोर्ट क्षमता और सरकार की सपोर्टिव पॉलिसी भारत को एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन में एक अहम और स्ट्रैटेजिक पॉइंट बना रही है. उन्होंने कहा कि भारत का हाई-क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग, स्किल्ड लेबर और तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर आने वाले वर्षों में चीन का बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.
अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग क्यों है मुश्किल?
हालांकि अमेरिका बार-बार एप्पल को अपने देश में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कहता रहा है, लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एशिया की मजबूत इकोसिस्टम क्षमता और इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन को अमेरिका में दोहराना आसान नहीं है. यह महंगा और जटिल हो सकता है. यही वजह है कि एप्पल जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के लिए भारत ही सबसे उपयुक्त ऑप्शन बनकर उभर रहा है.