सरकार ने Sahkar Taxi सर्विस की लॉन्च, Ola, Uber को मिलेगी टक्कर? ड्राइवरों की होगी तगड़ी कमाई

Sahkar Taxi Launch: ओला-उबर जैसी प्राइवेट कंपनियां फिलहाल भारत के टैक्सी बाजार पर हावी हैं, लेकिन सहकार टैक्सी के आने से यात्रियों और ड्राइवरों के पास एक नया विकल्प होगा.

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फिलहाल सरकार ने यह नहीं बताया कि Sahkar Taxi Service कब से शुरू होगी, लेकिन अमित शाह ने कहा कि इसे आने वाले महीनों में लॉन्च किया जाएगा.
नई दिल्ली:

अगर आप भी कैब या ऑटो से सफर करते हैं, तो अब आपको एक नया और सस्ता विकल्प मिलने वाला है. केंद्र सरकार ने 'सहकार टैक्सी' नाम से एक को-ऑपरेटिव टैक्सी सर्विस लॉन्च की है, जिसका मकसद बाइक, कैब और ऑटो सर्विस देना है. इस पहल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें ड्राइवरों को ज्यादा कमाई होगी, क्योंकि उन्हें ओला-उबर जैसी बड़ी कंपनियों के साथ अपना मुनाफा शेयर नहीं करना पड़ेगा. यह सर्विस निजी कंपनियों के बजाय सहकारी मॉडल पर आधारित होगी, जिससे पूरा फायदा ड्राइवरों को मिलेगा.

क्या है सहकार टैक्सी और कैसे काम करेगी?

गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में इस नई पहल की घोषणा की. उन्होंने बताया कि यह सर्विस देशभर में दो-पहिया टैक्सियों, ऑटो-रिक्शा और चार-पहिया टैक्सियों को रजिस्टर्ड करेगी. इसे सरकार का समर्थन मिलेगा, जिससे यह एक भरोसेमंद और ट्रांसपेरेंट राइड-शेयरिंग ऑप्शन बनेगा.

सहकार टैक्सी सर्विस कब शुरू होगी?

इस सर्विस का मकसद ड्राइवरों को सशक्त बनाना और यात्रियों को किफायती- भरोसेमंद सफर उपलब्ध कराना है. फिलहाल सरकार ने यह नहीं बताया कि यह सर्विस कब से शुरू होगी, लेकिन अमित शाह ने कहा कि इसे आने वाले महीनों में लॉन्च किया जाएगा.

ड्राइवरों को होगा सबसे ज्यादा फायदा

ओला-उबर जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर ड्राइवरों को अपने किराए का एक हिस्सा कंपनी को देना पड़ता है, जिससे उनकी कमाई कम हो जाती है. लेकिन सहकार टैक्सी में पूरा पैसा ड्राइवरों को मिलेगा.

इसके अलावा, सरकार एक सहकारी बीमा कंपनी भी शुरू करेगी, जो ड्राइवरों और आम लोगों को बीमा सेवाएं देगी. अमित शाह का कहना है कि यह बीमा कंपनी आने वाले समय में निजी कंपनियों को टक्कर देगी और सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी बनेगी.

पश्चिम बंगाल और केरल में पहले से मौजूद सरकारी टैक्सी सर्विस

पश्चिम बंगाल में "यात्री साथी" नाम से पहले से एक सरकारी टैक्सी सर्विस चल रही है, जो अब कोलकाता से आगे बढ़कर सिलीगुड़ी, आसनसोल और दुर्गापुर तक पहुंच गई है. यह सेवा किफायती किराए, लोकल भाषा सपोर्ट और 24x7 कस्टमर केयर जैसी सुविधाएं देती है.

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केरल सरकार ने 2022 में 'केरल सवारी' नाम से अपनी टैक्सी सर्विस शुरू की थी, लेकिन कम इस्तेमाल की वजह से इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, अब इसे संशोधित किराए और बेहतर सॉफ्टवेयर के साथ फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है.

क्या सहकार टैक्सी ओला-उबर को टक्कर दे पाएगी?

ओला-उबर जैसी प्राइवेट कंपनियां फिलहाल भारत के टैक्सी बाजार पर हावी हैं, लेकिन सहकार टैक्सी के आने से यात्रियों और ड्राइवरों के पास एक नया विकल्प होगा. अगर सरकार इसे अच्छे से लागू करती है, तो यह न सिर्फ ड्राइवरों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि यात्रियों को भी एक सस्ता और विश्वसनीय विकल्प मिलेगा. अब देखना होगा कि सहकार टैक्सी कब तक लॉन्च होती है और कितनी तेजी से मार्केट में अपनी जगब बना पाती है.

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