भारत की GDP वित्त वर्ष 25 में 6.8% की दर से बढ़ने का अनुमान : एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स

GDP growth India: 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अनुमान को मजबूत बताते हुए राणा ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है. वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 6. 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.

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GDP growth ForCast: वित्त वर्ष 25 में दूसरी तिमाही (जून-सितंबर 2024) के लिए जीडीपी वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही, जो अनुमान से कम थी.
नई दिल्ली:

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 26 में यह दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसकी वजह मजबूत शहरी उपभोग, सर्विस सेक्टर की स्थिर वृद्धि दर और इन्फ्रास्ट्रक्टर में निवेश बढ़ना है.एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा वित्त वर्ष 25 में भारत की विकास दर को लेकर लगाया गया अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान 6.6 प्रतिशत से ज्यादा है.

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग्स एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 27 में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा कहा कि चालू वित्त वर्ष के साथ ही आने वाले वर्षों में भी भारतीय जीडीपी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी.

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा, "हमें उम्मीद है कि महंगाई का दबाव कम होने के साथ ही केंद्रीय बैंक 2025 के दौरान मौद्रिक नीति में मामूली ढील देगा."

2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6. 9% रहने का अनुमान

2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अनुमान को मजबूत बताते हुए राणा ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है. वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 6. 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.

वित्त वर्ष 25 में दूसरी तिमाही (जून-सितंबर 2024) के लिए जीडीपी वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही, जो अनुमान से कम थी.

हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद देश तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि सरकार ने व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन किया है. राजकोषीय प्रबंधन ने राजकोषीय घाटे और जरूरी विकास के लिए राजकोषीय सहायता के बीच सही संतुलन बनाए रखा है.

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि श्रम बल की अधिक भागीदारी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में सुधार, साथ ही सार्वजनिक और घरेलू कंपनियों की मजूबत बैलेंस शीट से भारत के आर्थिक विकास को सहारा मिलेगा.

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