केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में इस साल जनवरी तक यूपीआई (Unified Payments Interface) सहित डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन (Digital payment transactions) 18,120 करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें ट्रांजैक्शन वैल्यू 2,330 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है.
वित्त वर्ष 2021-22 में कुल डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन 8,839 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 18,737 करोड़ हो गया है, जिसमें 46 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि हुई.
डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन का लगभग 70% हिस्सा UPI से हासिल
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा यूपीआई (UPI Transactions) ने हासिल किया है. इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर (क्यूआर कोड और पीओएस टर्मिनल), नए व्यापारियों की ऑनबोर्डिंग और थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर (टीपीएपी) भी योजना अवधि के दौरान काफी हद तक बढ़े हैं.
डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए डिजिधन मिशन की शुरुआत
सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) को बढ़ावा देने और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए डिजिधन मिशन की शुरुआत की है.यूपीआई और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और दूसरे इकोसिस्टम पार्टनर्स को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना लागू की गई है.इस योजना को डिजाइन करते समय बैंकों सहित हितधारकों के साथ परामर्श किया गया. जागरूकता पैदा करने और डेटा कलेक्शन के लिए बैंकों के लिए एक डेडिकेटेड प्रोत्साहन योजना (आईएसबी) पोर्टल भी डेवलप किया गया है.
नतीजतन, यूपीआई पेमेंट (UPI Payments) सहित डिजिटल पेमेंट की पेशकश करने वाले बैंकों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 216 से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 572 हो गई है.
देश में डिजिटल भुगतान के विकास में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) को प्रमोट करने के लिए 'प्रोत्साहन योजना' ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.