बजट 2025 में सरकार IOC-BPCL-HPCL को देगी 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी, क्या LPG सिलेंडर होगा सस्ता?

Budget 2025 LPG subsidy: घरेलू एलपीजी की कीमतें नौ मार्च, 2024 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं. आम चुनावों की घोषणा से ठीक पहले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का दाम 100 रुपये घटाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
LPG subsidy: बता दें कि सरकार समय-समय पर आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को इन नुकसानों की भरपाई करती रहती है.
नई दिल्ली:

सरकार  इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. (IOC), पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (HPCL) जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को 35,000 करोड़ रुपये की रसोई गैस यानी एलपीजी (LPG) सब्सिडी दे सकती है. यह सब्सिडी 2024-25 वित्त वर्ष में घरेलू एलपीजी बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए के लिए दिये जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

कंपनियों को हुआ भारी नुकसान

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद मार्च, 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर अपरिवर्तित रखी है. इससे एलपीजी की बिक्री पर उन्हें नुकसान हुआ है और अप्रैल-सितंबर (चालू 2024-25 वित्त वर्ष की पहली छमाही) में उनकी कमाई में कमी आई है.

इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में उद्योग के लिए एलपीजी बिक्री पर कुल ‘अंडर-रिकवरी' यानी नुकसान लगभग 40,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसके एवज में सरकार दो वित्त वर्षों के लिए कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये उपलब्ध करा सकती है.

चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 10,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना

उन्होंने कहा कि आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये और शेष 25,000 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में मिलने की संभावना है.

सरकार इस सब्सिडी का प्रावधान 2025-26 के केंद्रीय बजट में कर सकती है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को पेश करेंगी.

सरकार ने की पिछले नुकसान की भरपाई

बता दें कि सरकार समय-समय पर आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को इन नुकसानों की भरपाई करती रहती है. तीनों कंपनियों को क्षतिपूर्ति के लिए वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए 22,000 करोड़ रुपये दिये गये थे. हालांकि, यह 28,249 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले कम था. सूत्रों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में 40,500 करोड़ रुपये के कुल नुकसान में से आईओसी को 19,550 करोड़ रुपये, एचपीसीएल को 10,570 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 10,400 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

एलपीजी की कीमतें क्यों स्थिर हैं?

सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित रखती है. हालांकि, घरेलू उत्पादन मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए ईंधन का आयात करना पड़ता है. आयातित एलपीजी की लागत अधिक होने के कारण कंपनियों को घाटा हो रहा है.

Advertisement
घरेलू एलपीजी की कीमतें नौ मार्च, 2024 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं. आम चुनावों की घोषणा से ठीक पहले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का दाम 100 रुपये घटाया गया था.

सूत्रों ने कहा कि 2024 में गर्मियों के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय एलपीजी की कीमतें मामूली ऊंची बनी हुई थीं. इससे कंपनियों को नुकसान हो रहा है. सर्दियों के महीनों के दौरान कीमतें ऊंची रहने की संभावना है.

Featured Video Of The Day
Maha Kumbh 2025 में चाय पीजिए और कुल्हड़ खाइये, ₹20 में दोनों का आनंद उठाइए | NDTV India
Topics mentioned in this article