केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है. साल 2025 के केंद्रीय बजट को लेकर हर कोई वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीद लगाए हुए बैठा हुआ था. आखिरकार वो घड़ी आ गई है, जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार था. बजट में वित्त मंत्री के पिटारे से महिलाओं (Womens) के लिए क्या कुछ खास निकला है, इसपर सभी की नजरें थी. महिला के लिए बजट में देश की वित्त मंत्री की तरफ से कई बड़े ऐलान किए गए हैं. महिलाओं को बजट में सरकार काफी उम्मीदें रहती है. इस बजट में महिलाओं के लिए क्या कुछ खास रहा, यहां जानिए.
महिलाओं के लिए बजट में क्या रहा खास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में महिलाओं के लिए बड़े ऐलान करते हुए बताया कि कि सरकार पहली बार उद्यम शुरू करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये का लोन शुरू करेगी. वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए यह भी कहा कि एसएमई और बड़े उद्योगों के लिए एक विनिर्माण मिशन स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा सरकार श्रम-प्रधान क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधाजनक उपाय करेगी. उन्होंने कहा कि लोन गारंटी ‘कवर' को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये किया जाएगा तथा गारंटी शुल्क को घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा. महिलाओं और बच्चों के पोषण को मजबूत बनाने के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और POSHAN 2.0 स्कीम की भी शुरुआत की जाएगी. आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं, माताओं और 20 लाख किशोरियों को न्यूट्रिशनल सपोर्ट दिया जा रहा है. इससे बच्चों और महिलाओं को बेहतर पोषण सुविधाएं मिलेंगी.
महिलाओं के लिए बजट में बड़ी घोषणाएं
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये का लोन
- सक्षम आंगनवाड़ी और POSHAN 2.0 स्कीम की भी शुरुआत की जाएगी
- बच्चों और महिलाओं को बेहतर पोषण सुविधाएं मिलेंगी
गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर फोकस
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में हैं, जिनमें गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है." केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है. पिछले 10 वर्षों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. इस अवधि में भारत की क्षमता और संभावनाओं पर विश्वास और बढ़ा है. हम अगले 5 वर्षों को सबका विकास को साकार करने और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने के एक अनूठे अवसर के रूप में देखते हैं."
पिछले बजट में की गई थी क्या घोषणा
पिछले बजट में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे. ऐसे में महिलाओं को इस बार के बजट से भी काफी उम्मीद थी. महंगाई की दर इतनी तेज़ी से बढ़ रही है कि अब यह हमारी जेब पर भारी पड़ने लगी है. इसके अलावा सैलरी में उतनी बढ़ोतरी नहीं हो रही, जितनी महंगाई बढ़ रही है. जिससे एक सामान्य परिवार के लिए खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. बच्चों की स्कूल फीस हर साल बढ़ रही है, और ये बढ़ोतरी इतनी ज्यादा है कि इसे देना मुश्किल हो रहा है.