ट्रेड वॉर की टेंशन के बीच एशियाई बाजारों में जबरदस्त तेजी, Tokyo का Nikkei इंडेक्स 6% उछला

अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट और ट्रंप के टैरिफ प्लान्स के चलते ग्लोबल सेंटिमेंट नेगेटिव बना हुआ है, लेकिन एशियाई बाजारों में आई तेजी से उम्मीद जगी है कि भारतीय बाजार भी मंगलवार को रिकवरी की कोशिश कर सकते हैं.

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Stock Market Today: जापान और एशियाई बाजारों की रिकवरी का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है.
नई दिल्ली:

अमेरिका में टैरिफ को लेकर चल रही उथल-पुथल के बीच जापान के शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली है. सोमवार को जहां Tokyo का Nikkei इंडेक्स 7.8% लुढ़क गया था, वहीं मंगलवार की सुबह इसने जोरदार वापसी की और करीब 6% की बढ़त के साथ ट्रेड किया. Nikkei 225 इंडेक्स 5.81% या 1,809.92 पॉइंट चढ़कर 32,946.50 पर पहुंच गया. Topix इंडेक्स भी 6.20% या 141.82 पॉइंट की बढ़त के साथ 2,430.48 पर दिखा.

दक्षिण कोरिया का Kospi इंडेक्स भी करीब 2% ऊपर ट्रेड कर रहा था. इससे यह साफ है कि अमेरिका की मार्केट में बड़ी गिरावट के बाद एशियाई बाजारों में कुछ राहत देखने को मिल रही है.

Wall Street में गिरावट, लेकिन एशिया में रिकवरी

सोमवार को अमेरिका के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली. Dow Jones 349 पॉइंट यानी 0.91% गिरकर 37,965.60 पर बंद हुआ. S&P 500 भी  0.23% गिरकर 5,062.25 पर बंद हुआ. Nasdaq में मामूली बढ़त दिखी और यह 15,603.26 पर बंद हुआ.

ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के ऐलान से डरे इन्वेस्टर्स 

ट्रेड वॉर की चिंताओं, आर्थिक मंदी के डर और महंगाई की टेंशन के चलते अमेरिका की मार्केट में तेज गिरावट देखी गई. US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के ऐलान ने इन्वेस्टर्स को और डरा दिया. पिछले हफ्ते ट्रंप ने सभी इम्पोर्ट्स पर टैरिफ लगाने का एलान किया था, जिससे वॉल स्ट्रीट में भारी बिकवाली हुई और मार्केट से करीब 5 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो गई.

S&P 500 ने सिर्फ दो दिन में 10.5% की गिरावट देखी, जो मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी दो दिन की गिरावट है. Dow Jones करेक्शनमें चला गया है, यानी अपने पिछले हाई से 10% नीचे आ चुका है. Nasdaq पहले ही अपने पीक से 20% से ज्यादा गिर चुका है.

एशियन मार्केट में दिखा पॉजिटिव सेंटिमेंट

हालांकि अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट के बाद, मंगलवार को एशियाई मार्केट्स ने कुछ राहत की सांस ली. जापान और ऑस्ट्रेलिया के शेयरों में अच्छी रिकवरी दिखी. जापान की तेजी का असर दूसरे एशियाई बाजारों पर भी दिखा. US में ट्रेडिंग फ्यूचर्स  S&P 500 और Nasdaq 100  भी मंगलवार को 1% से ज्यादा की बढ़त के साथ खुले.

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वहीं, हांगकांग के मार्केट्स में गिरावट के संकेत हैं क्योंकि US में लिस्टेड चीनी शेयरों का एक गेज 5% से ज्यादा गिर गया था. इसकी वजह ट्रंप का चीन पर 50% तक का नया टैरिफ लगाने की धमकी है.

ट्रेड वॉर की चिंता अब भी बरकरार

ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह फिलहाल टैरिफ प्लान को रोकने के मूड में नहीं हैं. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि बातचीत के लिए वह तैयार हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वह मार्केट की गिरावट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं .ट्रंप में कहा, “कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा की जरूरत पड़ती है.” यहां उन्होंने टैरिफ को दवा बताया है.

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Wall Street के एनालिस्ट्स का कहना है कि अभी मार्केट की दिशा पूरी तरह वॉशिंगटन से आने वाली खबरों पर निर्भर करेगी. एक रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप 90 दिन के लिए टैरिफ रोकने पर विचार कर सकते हैं, जिससे थोड़ी देर के लिए मार्केट में रिकवरी आई, लेकिन व्हाइट हाउस ने तुरंत इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया और फिर से बाजार नीचे चला गया.

ब्याज दरों पर सस्पेंस बरकरार

ट्रेडर्स अब इस बात पर दांव लगा रहे हैं कि इस साल फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ब्याज दरों में कितनी कटौती करेगा. अभी के सिग्नल के मुताबिक, जून से शुरुआत करते हुए इस साल तीन बार रेट कट हो सकता है.इसके अलावा, इन्वेस्टर्स फेड चेयरमैनन के स्पीत और आने वाले आर्थिक डेटा जैसे कंज्यूमर प्राइस रिपोर्ट  पर भी नजर बनाए हुए हैं, ताकि यह समझ सकें कि मंदी के संकेत कितने गंभीर हैं.

भारतीय मार्केट पर क्या होगा असर?

जापान और एशियाई बाजारों की रिकवरी का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट और ट्रंप के टैरिफ प्लान्स के चलते ग्लोबल सेंटिमेंट नेगेटिव बना हुआ है, लेकिन एशियाई बाजारों में आई तेजी से उम्मीद जगी है कि भारतीय बाजार भी मंगलवार को रिकवरी की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि, ट्रेड वॉर और ग्लोबल मंदी की आशंकाएं अभी भी बनी हुई हैं.

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जहां एक तरफ US बाजारों में भारी गिरावट और अनिश्चितता बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ जापान और बाकी एशियाई बाजारों ने रिकवरी दिखाकर एक पॉजिटिव संकेत दिया है. लेकिन जब तक ट्रेड वॉर और टैरिफ से जुड़ी खबरें सामने आती रहेंगी, तब तक ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा.

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