अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी के समूह ने अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों के वित्तीय और क्रेडिट विवरण पेश किए हैं, जिनमें उनके मजबूत मुनाफे और नकदी प्रवाह का प्रदर्शन था, जिनके बूते बाहरी कर्ज़ पर निर्भरता के बिना तरक्की करते रहना संभव है.
बंदरगाह से ऊर्जा तक के क्षेत्र में कारोबार करने वाले समूह ने सोमवार को निवेशकों के सामने एक प्रेज़ेंटेशन में अपने लगातार बढ़ते मुनाफे और नकदी का ज़िक्र किया, जिसकी बदौलत समूह की तरक्की की आकांक्षाओं के लिए समय के साथ-साथ कर्ज़ पर निर्भरता कम हो गई.
प्रेज़ेंटेशन के साथ निवेशकों से एक नोट भी साझा किया गया, जिसमें समूह की लिक्विडिटी पोज़ीशन को रेखांकित करते हुए कहा गया, "अदाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के पास कम से कम 12 माह के लिए सभी कर्ज़ ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी है... 30 सितंबर, 2024 तक अदाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के पास ₹53024 करोड़ की नकदी थी, जो इसके कुल बकाया कर्ज़ का लगभग 21 फ़ीसदी है..." नोट में कहा गया कि यह राशि अगले 28 माह की कर्ज़ चुकाने की ज़रूरत को पूरा करने के लिए काफ़ी है.
कर्ज़ के बिना तरक्की
पिछले दिनों अदाणी समूह ने अगले 10 साल में पोर्टफोलियो कंपनियों में ₹आठ लाख करोड़ (100 अरब अमेरिकी डॉलर) से ज़्यादा के निवेश की योजना का ऐलान किया था. ऑपरेशन (संचालन) से हासिल फ़ंड फ्लो (FFO) या नकद मुनाफा पिछले 12 माह के दौरान ₹58908 करोड़ रहा है, और पिछले पांच साल के दौरान इसमें 30 फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इस आधार पर अगर कोई तरक्की नहीं होने का अनुमान भी सामने आए, तो भी अदाणी समूह अगले 10 साल के दौरान सिर्फ़ अंदरूनी तौर पर जुटाई नकदी से ₹5.9 लाख करोड़ का निवेश कर सकेगा, जिससे बाहरी कर्ज़ पर निर्भरता बेहद कम रह जाएगी.
इसके अलावा, पोर्टफोलियो स्तर पर 2.46x की बहुत कम डेट गियरिंग है - जिसका अर्थ है कि प्रेजेंटेशन के अनुसार इसमें कर्ज़ के लिए बड़े पैमाने पर गुंजाइश है. प्रेजेंटेशन के अन्य मुख्य आकर्षणों में पिछले 12 माह के लिए EBITDA (ब्याज कर और मूल्यह्रास से पहले की कमाई) शामिल है, जिसके बारे में उसने कहा कि यह अत्यधिक स्थिर था और इसलिए इसकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण अनुमान लगाया जा सकता था, जो 17 फ़ीसदी बढ़कर ₹83440 करोड़ हो गया. साथ ही, मौजूदा वार्षिक नकदी प्रवाह अकेले ही तीन साल में पूरा कर्ज़ चुका सकता है.
सकल संपत्ति / निवेश में ₹75227 करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जबकि कुल कर्ज़ में केवल ₹16882 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. परिसंपत्ति आधार अब बढ़कर ₹5.5 लाख करोड़ हो गया है. समूह कंपनियों की 'रेटिंग' (साख) में सुधार से उधार लेने की औसत लागत 8.2 फ़ीसदी के साथ पिछले पांच साल में सबसे कम है.
अदाणी समूह का घरेलू बैंकों से दीर्घकालिक ऋण ₹94400 करोड़ है. इसके मुकाबले ₹53024 करोड़ की नकदी शेष थी, जिसमें से ज़्यादातर भारतीय बैंकों के पास जमा थी. वैश्विक बैंकों से उधारी कुल कर्ज़ का 27 फ़ीसदी है.