अदाणी ग्रुप अगले 5 वर्षों में अपने एयरपोर्ट्स की पैसेंजर क्षमता को सालाना 20 करोड़ तक पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अदाणी समूह इस दिशा में 15 बिलियन डॉलर के भारी निवेश करने की तैयारी में है. भारतीय रुपये में ये राशि यानी करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये के बराबर होगी. इतने बड़े निवेश की ये खबर ऐसे समय में आई है, जब अदाणी ग्रुप अपनी एयरपोर्ट बिजनेस यूनिट, अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) को शेयर मार्केट में लिस्ट कराने की तैयारी में है. आने वाले समय में कंपनी IPO पेश करने वाली है.
बिजनेस एक्सपेंशन यानी व्यापार विस्तार की ये योजना देश में तेजी से बढ़ते एविएशन सेक्टर की मांग को पूरा करने पर केंद्रित है. अनुमान है कि साल 2030 तक देश में हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर सालाना 300 मिलियन यानी 30 करोड़ तक पहुंच जाएगी.
अदाणी ग्रुप के निवेश का रोडमैप
अदाणी ग्रुप से जुड़े निजी सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि 15 बिलियन डॉलर के इस निवेश की लगभग 70% फंडिंग अगले पांच वर्षों में कर्ज (Debt) के माध्यम से जुटाई जाएगी, जबकि शेष राशि इक्विटी (Equity) के रूप में जुटाई जाएगी. इस संबंध में अदाणी ग्रुप की ओर से बयान आना बाकी है.
- नवी मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा काम: इस विस्तार योजना में सबसे अहम है नवी मुंबई एयरपोर्ट, जो इसी साल 25 दिसंबर को खुलने वाला है. यहां नए टर्मिनल, टैक्सी-वे और एक नई रनवे जोड़ी जाएगी.
- 6 प्रमुख एयरपोर्ट्स का अपग्रेडेशन: अदाणी ग्रुप अहमदाबाद, जयपुर, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ और गुवाहाटी एयरपोर्ट्स पर क्षमता अपग्रेड का काम करेगा.
- क्षमता में 60% से ज्यादा की ग्रोथ: इस विस्तार से अदाणी एयरपोर्ट्स की कुल यात्री क्षमता में 60% से अधिक की ग्रोथ होगी. इसमें नवी मुंबई की 2 करोड़ और गुवाहाटी की 1.1 करोड़ क्षमता शामिल नहीं है.
बाजार में अदाणी ग्रुप का दबदबा
एयरपोर्ट की क्षमता में अपग्रेडेशन, उन 6 एयरपोर्ट्स पर केंद्रित है, जिन्हें अदाणी समूह ने 2020 में भारत के दूसरे निजीकरण चरण के दौरान लीज पर लिया था. पहले इनका प्रबंधन सरकारी स्वामित्व वाली एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) करती थी.
देश में एयरपोर्ट की संख्या के आधार पर अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऑपरेटर है. यह विस्तार समूह को इस क्षेत्र में और मजबूत करेगा.
सरकार अब 11 और एयरपोर्ट्स का निजीकरण करने की योजना बना रही है. उम्मीद है कि अदाणी एयरपोर्ट्स और यात्री यातायात के हिसाब से सबसे बड़े ऑपरेटर जीएमआर एयरपोर्ट्स बोली लगाने वालों में सबसे आगे रहेंगे.
यह निवेश भारत सरकार की बड़ी विमानन महत्वाकांक्षाओं के साथ भी मेल खाता है. देश में मांग को पूरा करने के लिए दिल्ली में एक दूसरा एयरपोर्ट भी बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने 2047 तक देश भर में एयरपोर्ट्स की संख्या को मौजूदा 160 से बढ़ाकर 400 करने का लक्ष्य रखा है.














