बॉलीवुड में जब किसी सितारे को फ्लॉप का ठप्पा लग जाता है, तो उसका करियर अक्सर मुश्किल में पड़ जाता है. एक समय था जब फ्लॉप सितारों की फिल्में डिस्ट्रीब्यूटर्स खरीदने से कतराते थे, जिसके चलते फिल्मों की रिलीज बार-बार टलती थी. हिंदी सिनेमा के इतिहास में ऐसी ही एक फिल्म है, जो एक फ्लॉप हीरो की वजह से दो साल तक रिलीज के लिए इंतजार करती रही. लेकिन जब यह फिल्म आखिरकार रिलीज हुई, तो इसे नकारने वालों के होश उड़ गए, क्योंकि फिल्म ने जबरदस्त कमाई की और इसके हीरो की किस्मत भी बदल दी.
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यह थी वह फिल्म
हम बात कर रहे हैं 1985 में रिलीज हुई फिल्म प्यार झुकता नहीं की. इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और पद्मिनी कोल्हापुरे मुख्य भूमिकाओं में थे. यह एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी, जो एक अमीर लड़की और गरीब लड़के की प्रेम कहानी पर आधारित थी. यह फिल्म पाकिस्तानी मूवी आइना की रीमेक थी. दर्शकों को यह फिल्म इतनी पसंद आई कि बाद में इसे कन्नड़ में नी बरेडा कादंबरी, तमिल में नान अदैमी इलै और तेलुगु में पचनी कपूरम के नाम से बनाया गया. महज 50 लाख रुपये में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 4.5 करोड़ रुपये की शानदार कमाई की.
क्यों नहीं मिले खरीदार?
रिलीज से पहले मिथुन चक्रवर्ती का करियर मुश्किल दौर से गुजर रहा था. उन पर फ्लॉप स्टार का टैग लग चुका था, जिसके कारण डिस्ट्रीब्यूटर्स उनकी फिल्में खरीदने से हिचक रहे थे. आखिरकार, फिल्म के निर्माता केसी बोकाडिया ने खुद इसे रिलीज करने का फैसला किया. रिलीज के बाद फिल्म ने ऐसी सफलता हासिल की कि इसने धुआंधार कमाई की और 1985 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई. इस फिल्म ने मिथुन को फ्लॉप से सुपरहिट सितारे में बदल दिया.