प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद आज (गुरुवार, 18 मार्च) अपनी दूसरी चुनावी रैली आदिवासी-बहुल इलाके पुरुलिया में की. PM मोदी इस रैली में राज्य, और खासकर पुरुलिया इलाके की एससी, एसटी और ओबीसी आबादी को लुभाते नज़र आए. साथ ही यह सपना दिखाते नज़र आए कि राज्य में अगर BJP की डबल इंजन वाली सरकार बनी, तो लोगों के जीवन में क्या सुधार आएगा. उन्होंने पुरुलिया में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उस तरह का हमलावर और आक्रामक रुख अख्तियार नहीं किया, जैसा उन्होंने अपनी पहली जनसभा, जो 7 मार्च को कोलकाता के परेड ब्रिगेड ग्राउंड में हुई थी, में किया था.
PM नरेंद्र मोदी का अंदाज़ आज बदला-बदला सा नज़र आया. वह 'दीदी' पर पर्सनल अटैक करने से बचने की हरसंभव कोशिश करते नज़र आए और ममता बनर्जी की जगह TMC सरकार का नाम लेते सुनाई दिए. हालांकि, उन्होंने आज भी कटमनी, तोलेबाजी और कमीशनबाजी का ज़िक्र किया, लेकिन जिस तरह उन्होंने परेड ग्राउंड पर ममता बनर्जी और उनके परिवार पर हमला बोला था, उस अंदाज़ से कन्नी काटते दिखे.
भाई-भतीजावाद का जिक्र नहीं
ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम लिए बगैर PM मोदी ने कोलकाता की रैली में कहा था, "बंगाल की जनता ने दीदी को चुना था, लेकिन आपने खुद को एक ही भतीजे तक क्यों सीमित कर लिया...? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों के बजाय आप सिर्फ अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं...? आप भी भाई-भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को क्यों नहीं छोड़ पाईं, जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी...? आज की रैली में PM ने सिर्फ कोयला माफिया और बालू माफिया को सत्ता संरक्षण मिलने की ही बात कही. PM ने एक नया आरोप भी लगाया कि दीदी की सरकार माओवादी हिंसा को बढ़ावा देती है.
PM ने दीदी पर पर्सनल अटैक करते हुए पिछली रैली में कहा था, "हम नहीं चाहते, किसी को भी चोट आए, लेकिन जब स्कूटी ने नंदीग्राम में ही गिरना तय किया, तो हम क्या करें...?" PM ने कहा था, "अरे दीदी! अब बंगाल की ही नहीं आप तो पूरे भारत की बेटी हैं... कुछ दिन पहले जब आपने स्कूटी संभालीं, अच्छा हुआ, आप गिरीं नहीं, नहीं तो जिस राज्य में स्कूटी बनी है, उसी राज्य को आप दुश्मन बना लेतीं..."
PM मोदी ने तब आरोप लगाया था कि माटी और मानुष की बात करने वाली दीदी ने बंगाल का कण-कण कालाबाज़ारी करने वालों और सिंडिकेट के हवाले कर दिया, लेकिन आज PM बंगाल की गरीबी, पलायन, बेरोज़गारी, पानी, सड़क, आवास जैसे मूलभूत सुविधाओं की कमी और लेफ्ट के साढ़े तीन दशक और दीदी के एक दशक के शासनकाल की विफलताएं गिनाते रहे. PM ने अपने संबोधन के ज़रिये लोगों में BJP सरकार के सपने दिखाए. हालांकि, उन्होंने TMC के 'खेला होबे' का उपहास भी उड़ाया और लोगों से इसके खिलाफ नारे भी लगवाए.
विकास के सपने बुनने में जुटी BJP
PM मोदी ने कहा कि TMC कहती है 'खेला होबे', लेकिन BJP कहती है 'विकास होबे'... TMC कहती है, 'खेला होबे', BJP कहती है, 'शिक्षा होबे'. इसी तरह उन्होंने सोनार बांग्ला, गांव-गांव सुविधा, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल खोलने और पानी की व्यवस्था कराने से लेकर हाईवे तक बनाने की बात अपने संबोधन में कही. उन्होंने कहा कि BJP की केंद्र सरकार ने हाईवे के लिए हज़ारों करोड़ रुपये का आवंटन किया है.
PM मोदी ने कोलकाता रैली में सीधे ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा था, "आपने बंगाल के उन लोगों को धोखा दिया और अपमान किया, जिन्होंने भरोसा किया था कि वामदलों के शासन के बाद आप बंगाल में परिवर्तन लाएंगी... आपने उनकी उम्मीद और सपनों को चकनाचूर कर दिया..." लेकिन पुरुलिया की रैली में PM मोदी, दीदी का खेल खत्म होने और करवाने तक ही सीमित रहे.
कोलकाता रैली में वीभत्स तस्वीर खींचते हुए PM ने कहा था, "दीदी के राज का क्रूर चेहरा पूरे भारत ने देखा है... बीते 10 साल में बंगाल की शायद ही कोई मां और बेटी है, जो किसी न किसी अत्याचार की वजह से रोई न हो..." लेकिन आज PM ने आरोप लगाया कि दीदी ने बंगाल के हितों से ज़्यादा खेल की चिंता की. उन्होंने कहा कि 10 साल से विश्वासघात झेल रही जनता उन्हें जवाब देगी. PM ने ममता सरकार पर तुष्टीकरण और लाठी-डंडों के बल पर अत्याचार करने और आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
PM ने क्यों नहीं किया पर्सनल अटैक...?
ममता बनर्जी के चोटिल होने के बाद PM मोदी की यह पहली चुनावी सभा थी. इस बीच ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर चुनावी सभाओं में जाती दिख रही हैं. इससे ममता बनर्जी की तस्वीर बंगाल की घायल शेरनी के रूप में उभरी है और ममता के प्रति पश्चिम बंगाल की जनता में सहानुभूति का भाव भी जगा है. लिहाज़ा, PM मोदी नहीं चाहते कि ममता पर व्यक्तिगत हमले कर उन्हें मीडिया में और फुटेज दें और उनके पक्ष में जगी सहानुभूति की हवा को बल मिल सके, क्योंकि ममता इसे भुनाना जानती हैं.
BJP ने बदली रणनीति
ममता बनर्जी को और कमज़ोर करने और BJP को मज़बूत करने के लिए BJP नित्य नई रणनीति बनाने पर काम कर रही है. अब BJP ने नंदीग्राम के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के 80-वर्षीय पिता शिशिर अधिकारी, जो TMC सांसद हैं, को पार्टी में शामिल कराने की योजना बनाई है, ताकि मिदनापुर और आसपास के जिलों में TMC कैडर को खत्म किया जा सके. शिशिर अधिकारी 24 मार्च को कांठीपुर में PM की रैली में मंच पर शामिल हो सकते हैं.
PM मोदी की धुआंधार रैलियां
PM मोदी की अगली रैली 20 मार्च को खड़गपुर, 21 मार्च को बांकुड़ा और 24 मार्च को कांठी मिदनापुर में होनी है. यानी 6 दिनों में कुल चार रैलियां. पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को होना है. इस लिहाज़ से देखें, तो पहले चरण में PM कुल पांच रैलियों को संबोधित कर चुके होंगे, जो एक रिकॉर्ड है. PM मोदी पूरे बंगाल में कुल 24 रैलियों को संबोधित करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि PM की आक्रामक और धुआंधार रैलियां राज्य में BJP के पक्ष में हवा बनाने के लिए हो रही हैं, क्योंकि हाल के दिनों में BJP के कई जिला दफ्तरों में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने टिकट नहीं मिलने पर तोड़फोड़ की थी. इससे राज्य में BJP के खिलाफ माहौल बनने लगा था, जिसे PM मोदी और टीम BJP हर हाल में बदलना चाह रही है.
प्रमोद कुमार प्रवीण NDTV.in में चीफ सब एडिटर हैं...
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