This Article is From Feb 14, 2021

वैलेंटाइन डे पर देश की लड़कियों को रवीश कुमार की सलाह

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Ravish Kumar

भारत की लड़कियों को बिन माँगे एक राय देना चाहता हूँ. जब किसी को साथी चुनें सांप्रदायिक ख़्याल वाले को न चुनें. जो दूसरों से नफ़रत करता है वो आपसे कभी प्रेम कर ही नहीं पाएगा. मुमकिन है आप अपनी पसंद से या माँ बाप की सहमति से शादी करें लेकिन ऐसे लड़के का साथ न चुनें. सांप्रदायिक ख़्याल के लोग पोलिटिकल स्पेस में ही नहीं बल्कि पर्सनल स्पेस में भी दंगाई होते हैं. वह कभी भी ईमानदार प्रेमी नहीं हो सकता है. वह आपके साथ भी हिंसा करेगा.इसका मतलब यह नहीं कि लड़कियाँ सांप्रदायिक नहीं होती हैं. तब लड़कों को ऐसी लड़कियों से सतर्क रहना चाहिए. अंत में राजनीति भी तभी बेहतर करती है जब वह प्रेम की बात करती है. जिस समाज में प्रेम करना मुश्किल हो जाए उस समाज में सबसे पहले नौजवान ही नहीं रहना चाहेंगे. रहेंगे भी तो मन मार कर. ज़िंदा लाश बन कर. 

प्रेम करने के कितने लाभ हैं. जब आप प्रेम में होते हैं तो किसी के लिए बेहतर होते हैं. किसी के लिए संवरते हैं. और किसी के लिए दुनिया से लड़ने का साहस करते हैं. प्रेम से नफ़रत करने वाले हमेशा होंगे. मोहब्बत करने वाले हमेशा होंगे. मुझे पता है कमेंट में गाली देने आएँगे. ऐसे लोगों को जीवन में किसी का प्यार नहीं मिलता है. ऐसे लोगों को उसका भी प्यार नहीं मिलता जिसके लिए ये दूसरों को गालियाँ देते हैं. ऐसे लोग भी किसी को चाहते हैं मगर चाह नहीं पाते. 

प्रेम का कोई दिन नहीं हो सकता और अगर कोई दिन है भी तो उसमें भी कोई बुराई नहीं. आज मौसम भी अच्छा है. खुद को अच्छा प्रेमी बनाएँ. बात करने का सलीक़ा सीखें. थोड़ा मीठा बोलें. बोलने में अंदाज़ लाएँ. साथ जीवन का तरीक़ा भी. मिल बाँट कर काम करने का हुनर भी. प्रेम करना गुलाब देना नहीं होता, बल्कि काँटों के बीच गुलाब की तरह खिल जाना होता है. 

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