This Article is From Oct 20, 2022

आखिर क्या वजह है कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड आपस में भिड़े हैं?

विज्ञापन
Manoranjan Bharati

मुबंई में बीसीसीआई के जनरल बॉडी की मीटिंग चल रही थी. रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया. इस मीटिंग के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने बयान दिया कि एशिया कप के लिए भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी. कई लोगों को आश्चर्य हुआ कि ये बयान क्यों आया है. इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया पाकिस्तान में हुई. सईद अनवर, शाहिद अफरीदी जैसे खिलाड़ियों ने कहा कि भारत पाकिस्तान नहीं आता है तो पाकिस्तान को भी भारत नहीं जाना चाहिए. 2023 में भारत 50 ओवर के मुकाबलों के आईसीसी वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहा है. 2023 में ही पाकिस्तान में एशिया कप होना है. पीसीबी को इसके आयोजन से इनकार कर देना चाहिए. पीसीबी ने कहा है कि जय शाह के बयान से हम आश्चर्यचकित हैं, दुखी भी हैं. क्योंकि एशिया कप न्यूट्रल वैन्यू पर होगा. इसको लेकर एशिया क्रिकेट काउंसिल में चर्चा नहीं हुई है. पीसीबी ने कहा कि जय शाह ने ये नहीं सोचा कि इस बयान के दूरगामी परिणाम क्या हो सकते हैं.

वहीं पूरे मामले पर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह बीसीसीआई का मामला है. वो ही इसे देखेगा और भारत को कोई भी इसमें डिक्टेट नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं इस पर अंतिम फैसला गृहमंत्रालय ही लेगी. क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे ऊपर है. 

बीसीसीआई के सचिव ने जो बयान दिया है इसपर पाकिस्तान की सहमी हुई प्रतिक्रिया है. इसके पीछे क्रिकेट का अर्थशास्त्र है. सबसे बड़ी बात है कि पीसीबी के अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आईसीसी के 50 प्रतिशत फंडिंग पर निर्भर करता है. जितने भी देश क्रिकेट खेलते हैं वो कुछ हिस्सा आईसीसी को फंड करते हैं. आईसीसी उस पैसे को अलग-अलग देशों को देता है. आईसीसी को 90 प्रतिशत पैसा भारत देता है. इसका एक मतलब यह निकाला जा सकता है की भारतीय बोर्ड पाकिस्तान को 50 प्रतिशत फंडिंग करता है. बिना भारतीय पैसे से पीसीबी का काम नहीं चल सकता है. बिना भारतीय पैसे के पीसीबी काम नहीं कर सकता.

Advertisement

पीसीबी के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री अगर निर्णय ले लेते हैं कि पाकिस्तान को फंड नहीं किया जाएगा तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड खत्म हो जाएगा. लेकिन साथ ही एशिया कप हो या नहीं इस पर एक इमरजेंसी मीटिंग हो ये उनकी मांग है.  इस तरह के एकतरफा बयान भारत और पाक के लिए सही नहीं है. मेलबर्न में जो मैच होना है उसे लेकर दर्शकों में उत्साह है. प्रायोजकों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. टेलिकास्ट राइट्स जिन्हें मिला है वो भी उत्साहित हैं. 80 प्रतिशत चांस है कि रविवार को बारिश हो जाए लेकिन फिर भी सारा स्टेक इसपर लगा हुआ है. क्योंकि भारत पाक का मैच बस मैच नहीं होता इसमे दोनों देशों का सम्मान निर्भर करता है.

Advertisement

जब दो देशों के बीच मामला इतना नाजुक हो तो ऊपर बैठे हुए अध्यक्ष इस तरह के बयान देने से पहले सोच लें कि दोनों देशों के बीच में संदेह की स्थिति पैदा न हो. उम्मीद है कि एशिया कप के लिए मीटिंग होगी और उसमें ये मसला सुलझा दिया जाएगा. क्रिकेट प्रेमी के तौर पर उम्मीद है कि 2023 में दोनों टीमें एक दूसरे के देश जाएंगे. लेकिन यहां सब राजनीति पर निर्भर करता है, खेल उतना महत्वपूर्ण नहीं है.

Advertisement

मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में मैनेजिंग एडिटर हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

Topics mentioned in this article