पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फिल्ड मार्शल आसिम मुनीर की भारत पर परमाणु हमले की धमकी अपने आप में इतनी अहम नहीं है.इसमें बड़ी बात यह है कि यह धमकी उन्होंने अमेरिका की जमीन से दी है. अमेरिका मुनीर को शह दे रहा है. पाकिस्तान की जमीन से लगातार आतंक को बढ़ावा मिला है. इसी का परिणाम है कि दुनिया के कई कुख्यात आतंकी पाकिस्तान की पनाह में हैं. हाफिज सईद से लेकर ओसामा बिन लादेन तक,जिसे अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर मारा था.
पाकिस्तान में आतंक की पनाहगाह है. फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीफ) ने उसे ग्रे लिस्ट से अक्तूबर 2022 में इस शर्त पर हटाया था कि वो आतंकी गुटों के वित्त पोषण पर रोक लगाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारत ने पहलगाम हमले के बाद कोशिश की कि उसे दोबारा इस लिस्ट में डाला जाए, हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक बदहाली झेल रहे पाकिस्तान को इसके बाद भी लोन तो दिया, लेकिन इस शर्त के साथ कि वो परमाणु हथियार के गलत इस्तेमाल से लेकर आतंकी गुटों की फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर शिकंजा कसेगा.
पाकिस्तान अमेरिका की यारी
एफएटीफ ने पहलगाम हमले की उच्च स्तरीय जांच की बात कही थी.इस सबके बावजूद अमेरिका ने पहलगाम हमले के बाद मुनीर की मेजबानी की. आपरेशन सिंदूर में बुरी तरह पिटने के बाद भी मुनीर ने 'फील्ड मार्शल' का तमगा अपने नाम किया और अमेरिका दौरे पर निकल पड़े.वो व्हाइट हाउस में न्योते पर 18 जून को अमेरिका पहुंचे. वहां उन्हें ऐसा सम्मान दिया गया, जिसे आमतौर पर हेड ऑफ स्टेट को दिया जाता है. साफ है कि प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की कोई पूछ नहीं है, सेनाध्यक्ष ही सर्वोपरि है.अपनी यात्रा के दौरान मुनीर ने नोबेल पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश की थी.
आसिम मुनीर दो महीने के अंदर दूसरी बार अमेरिका दौरे पर हैं.खबरों के मुताबिक असीम मुनीर ने अमेरिका के टाम्पा में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जेनरल जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला के विदाई समारोह में शिरकत की. उन्होंने अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन से मुलाकात की.
इसी दौरान मुनीर ने भारत को परमाणु धमकी दी. वो पाकिस्तानी अमेरिकन कारोबारी के प्राइवेट डिनर में पहंचे.उन्होंने पाकिस्तानी डायसपोरा के सामने न सिर्फ अपने देश के परमाणु हथियारों का बखान किया, बल्कि भारत को गीदड़ भभकी भी दी कि अगर भारत सिंधु नदी पर बांध बनाता है तो वो 10 मिसाइलें दागकर बांध को तोड़ देंगे.भारत को गीदड़ भभकी देते हुए अपने पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अपने मुल्क की बेइज्जती भी कर डाली.उन्होंने भारत को चमचमाती मर्सिडीज बताया और खुद पाकिस्तान को ईंट-पत्थर से भरा ट्रक.उन्होंने कहा कि मर्सिडीज अगर ट्रक से टकराएगी तो नुकसान किसका होगा.
पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली
मुनीर का बार-बार अमेरिका दौरे के बीच पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली और भुखमरी है, राजनीतिक अस्थिरता है और मुनीर की नजर सत्ता पर है.पाकिस्तान को कंगाली के इस दौर में कर्ज की जरूरत है और उम्मीद है कि आईएमएफ से लोन दिलाने में अमेरिका पाकिस्तान की मदद करेगा.
आसिम मुनीर की ये धमकी उस समय आई है, जब भारत और अमेरिका के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया टैरिफ फैसलों के चलते तनाव बढ़ा हुआ है. यह टाइमिंग महत्तवपूर्ण है.ट्रंप की कूटनीति का स्टाइल सौदेबाजी है. वो डील में विश्वास करते हैं. मुनीर के जरिए वो भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं. भारत ने खास तौर पर कृषि क्षेत्र में अमेरिका को भारत के बाजार में पैठ बनाने की खुली छूट नहीं दी है. ट्रंप इससे चिढ़े हुए हैं. वो बार-बार मुनीर को अमेरिका बुला कर अमेरिका-पाकिस्तान की दोस्ती की दुहाई दे रहे हैं. वही पाकिस्तान जहां अमेरिका का गुनाहगार ओसामा बिन लादेन छुपा था. सच यह है कि अमेरिका को अफगानिस्तान की वजह से पाकिस्तान की जरूरत रही है.
क्या सुरक्षित हाथों में हैं पाक के परमाणु हथियार
परमाणु धमकी अमेरिका के टांपा में पाकिस्तानी डायसपोरा के सामने दी गई. भारत को यह धमकी उस दिन दी गई, जिस दिन दुनिया नागासाकी पर अमेरिकी एटम बम गिरने की बरसी मना रही थी. 80 साल पहले इसी दिन हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिकी एटम बम गिरने से एक लाख 70 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. आसिम मुनीर ने इसी मौके पर पूरी दुनिया को धमकी देते हुए यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान के सामने अस्तित्व का संकट आता है तो वह आधी दुनिया को लेकर डूब जाएंगे.असीम मुनीर का यह बयान बौखलाहट से भरा है, लेकिन उनका बयान यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान जैसे गैर जिम्मेदार देश के पास परमाणु हथियार होना दुनिया के लिए खतरनाक है.उसके गलत हाथ में पड़ने का खतरा है.
ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दूसरे देश की जमीन से किसी तीसरे देश को परमाणु हमले की धमकी दी गई है. वो भी मित्र देश की जमीन से.अमेरिका से ये धमकी देना सोची समझी रणनीति है.ये महत्वपूर्ण संकेत है.अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना फेनोमेनल पार्टनर बताया है.ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के उस एनर्जी रिजर्व को टैप करने की बात कर रहा है जो है ही नहीं.बलूचिस्तान के गैस और तेल भंडार पर नजर डालने के पहले ही बलूलों विरोध करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि भारत में यह सवाल उठ रहा है कि क्या मुनीर, ट्रंप जैसे नेताओं की गोद में बैठकर अपनी पीठ मजबूत समझ रहे हैं?
भारत ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत के लिए अपने हित की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है.'ऑपरेशन सिंदूर' में पीओके के साथ-साथ पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में हमले से दिल्ली ने यही संदेश दिया है.ऐसे में सवाल यह है कि मुनीर के इस बयान का असली मकसद क्या है.यह साफ है कि मुनीर का बयान भारत को डराने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ध्यान खींचने की कोशिश है. जिसे वो अमेरिका की शह पर दे रहे हैं.
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