This Article is From Jan 12, 2022

गलती कर बैठे चन्नी

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Aadesh Rawal

एक गाना है. 'दिल गलती कर बैठा है, गलती कर बैठा है दिल'. कुछ ऐसा ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का दिल भी गलती कर बैठा है. जब से पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठा और जिस तरीके से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस पूरे मसले को सुलझाया यह काबिले तारीफ है. ऐसा मैं नहीं बोल रहा हूं बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय है कि कांग्रेस को चन्नी जैसे नेता की ज़रूरत है. जो बात पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए पार्टी के भीतर लोग बोल रहे है. तो क्या वहीं बात उन्होंने खुद से कहकर गलती कर दी है? दरअसल, चन्नी ने क्या गलती की उसके बारे में बाद में चर्चा करेंगे पहले इन दो महत्वपूर्ण बयानों को समझिए.

पहला, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'मुख्यमंत्री पंजाब की जनता बनाएगी. कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री नहीं बनाता.' यह बयान देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू भूल गए कि तीन महीने पहले विधायकों और सांसदों की नाराजगी के बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया और पंजाब के सबसे ताकतवर व्यक्ति कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया. 

जब कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को हटाने का फैसला किया तो पार्टी को डर था कि कहीं, पंजाब में कांग्रेस टूट ना जाए लेकिन जब नतीजे सामने आए तो पता चला कि कैप्टन अमरिन्द्र सिंह के साथ एक भी विधायक नहीं मिला और कांग्रेस आलाकमान ने नहीं किया जो वह करना चाहते थे. जिस दिन राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया उसी दिन नवजोत सिंह सिद्धू के सपनों पर ग्रहण सा लग गया था.

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अब दूसरा बयान, चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, 'पंजाब में जब भी मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं होती तो कांग्रेस चुनाव हार जाती है. ऐसे में कांग्रेस को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए.' दरअसल, यहीं पंजाब के मुख्यमंत्री से चूक हो गई. वह तीन महीने पहले हुई घटना को समझ नहीं पाए. जब कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया तो उस वक्त राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं ने कहा था, कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने एक दलित को मुख्यमंत्री बनाया और शपथ ग्रहण समारोह में जाकर राहुल गांधी ने इस बात पर मुहर लगा दी थी कि चरणजीत सिंह चन्नी पार्टी के साथ-साथ उनकी भी पसंद है. तो भला 2022 में विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर चरणजीत सिंह चन्नी को कौन हटा सकता है. लेकिन दिल है, गलती कर सकता है. 

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हाल के दिनों में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने महामृत्युंजय जाप और बगलामुखी पाठ करके लाखों मायूस कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक उम्मीद जगायी है और यह बताने की कोशिश भी की है कि कांग्रेस के पास टैलेंट की कमी नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने वाली बात कहकर चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी भी ले ली और खुद का कद छोटा भी कर लिया. चरणजीत सिंह चन्नी तो महज 100 दिन के मुख्यमंत्री है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कुछ ऐसा ही किया था. लेकिन राहुल गांधी ने सभी बड़े नेताओं को बुलाकर यह साफ कर दिया था कि कांग्रेस उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी. जब कि हरीश रावत पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके है. तो क्या चरणजीत सिंह चन्नी और उनके रणनीतिकारों को हरीश रावत के प्रकरण से सबक़ नहीं लेना चाहिए था?

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चन्नी साहब का भी दिल है , गलती कर बैठा है.

आदेश रावल वरिष्ठ पत्रकार हैं... आप ट्विटर पर @AadeshRawal पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं...

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