लोक जनशक्ति पार्टी (R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने भांजे सीमांत मृणाल को बिहार की राजनीति में उतारते हुए उन्हें सारण जिले की गरखा सुरक्षित विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. सीमांत मृणाल रामविलास पासवान की पहली पत्नी की बड़ी पुत्री आशा पासवान के पुत्र हैं. सीमांत के पिता मृणाल पासवान अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष हैं और सीमांत स्वयं छात्र राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं.
बीजेपी ने सीट चिराग को दी
राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव को ध्यान में रखते हुए चिराग ने उन्हें पहली बार विधानसभा चुनावी रणभूमि में उतारने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि गरखा सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कैंडिडेट खड़े थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने यह सीट एनडीए गठबंधन के तहत लोजपा (R) के लिए छोड़ दी है. वर्ष 2020 के चुनाव में बीजेपी के ज्ञानचंद मांझी इस सीट से चुनाव हार गए थे.
युवा प्रत्याशी को मौका
2020 के चुनाव में आरजेडी के सुरेंद्र राम ने उन्हें पराजित किया था. ऐसे में इस बार एनडीए ने रणनीतिक रूप से लोजपा के युवा चेहरे को मैदान में उतारकर जीत की संभावना मजबूत करने की कोशिश की है. हालांकि सीमांत की उम्मीदवारी की खबर सामने आते ही पार्टी के अंदर असंतोष और बगावत के स्वर भी सुनाई देने लगे हैं.
स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी
स्थानीय कार्यकर्ताओं और कुछ नेताओं ने इस निर्णय पर असहमति जताई है. इस विषय में पूछे जाने पर पार्टी के सारण जिला अध्यक्ष रोबिन सिंह ने कहा कि पार्टी में सबकुछ सामान्य है. थोड़ी बहुत अंदरूनी नाराजगी है, जिसे समय रहते सुलझा लिया जाएगा. इस तरह सीमांत मृणाल की एंट्री से गरखा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
चिराग ने दी शुभकामना
चिराग पासवान ने सीमांत मृणाल 15 अक्तूबर को सिंबल देते हुए उन्हें जीत की शुभकामना भी दी थी. पार्टी ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि सीमांत को NDA समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से 119 गरखा (सुरक्षित) विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया है.
इनपुट- देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव