बिहार में पर्यटकों की सुविधा के लिए राजधानी पटना में तीन पांच सितारा होटल बनाए जाएंगे. मंगलवार को बिहार मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 46 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.
पर्यटकों की सुविधा के लिए पीपीपी मोड पर पटना में तीन पांच सितारा होटल के निर्माण एवं संचालन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. इसका उद्देश्य पर्यटकों को सुविधा प्रदान करना है. इसके अतिरिक्त बिहार पर्यटन ब्रांडिंग और मार्केटिंग नीति को भी मंजूरी दी गई .
बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि राज्य में बेहतर औद्योगिक वातावरण और पर्यटकों की सुविधा के लिए पटना में उच्च स्तरीय होटल के निर्माण की आवश्यकता थी. तीन नए पांच सितारा होटल के निर्माण से आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि तो होगी ही, रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. सुल्तान पैलेस के वर्तमान ऐतिहासिक भवन को संरक्षित रखते हुए उक्त भूमि पर पांच सितारा हेरिटेज होटल का निर्माण किया जाएगा. होटल पाटलिपुत्र अशोक एवं बांकीपुर बस स्टैंड परिसर की भूमि पर अवस्थित वर्तमान संरचना को हटाकर उक्त भूमि पर नए पांच सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि होटल पाटलिपुत्र अशोक की भूमि पर कम से कम 100 कमरों तथा बांकीपुर बस स्टैंड एवं सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर कम से कम 150-150 कमरों की क्षमता वाले पांच सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा. शेष भू-खंड पर चार सितारा होटल का निर्माण वैकल्पिक रहेगा.
बिहार मंत्रिमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि मानसिक आरोग्यशाला, कोईलवर, भोजपुर में 321 बेड के भवन निर्माण के लिए 1 अरब 97 करोड़ 26 लाख रुपए से ज्यादा की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. इसके अलावा बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के प्रशासनिक कार्यों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के 60 पदों की भी स्वीकृति दी गई.
वहीं, बिहार विधान मंडल के सचेतक को अब राज्य मंत्री की सुविधा मिलेगी. यह फैसला भी मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. इस फैसले के बाद बिहार विधान मंडल के सचेतक को उपमंत्री के बदले राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. इस निर्णय के बाद बिहार विधान मंडल नेता विरोधी दल, संसदीय सचिव, सचेतक और सदन नेता (वेतन भत्ता) नियमावली के संशोधन की स्वीकृति भी दी गई है.
बैठक में मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना को भी हरी झंडी दी गई, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुल निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. बैठक में 6,421 विद्यालय सहायकों के पदों के सृजन और छात्रावास प्रबंधक के 91 पदों पर बहाली की स्वीकृति भी दी गई. इसके अलावा ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत संविदा के आधार पर 231 सहायक अभियंता के नियोजन की भी स्वीकृति बैठक में दी गई.
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