फालतू का काम मत करो... तेजस्वी सरकार के नाम पर भड़के तेज प्रताप यादव

बड़ी संख्या में पहुंची जनता की देखकर गदगद हुए तेजप्रताप यादव ने कहा की अगर उनकी सरकार बनी तो युवाओं के रोजगार के लिए बेहतर प्रबंध किया जाएगा.

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  • तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच सत्ता की लड़ाई ने रिश्तों में गहरा तनाव पैदा कर दिया है.
  • तेज प्रताप यादव ने जहानाबाद में जनता संवाद कार्यक्रम में तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है.
  • तेज प्रताप ने कहा कि उन्हें पद या मुख्यमंत्री बनने का लालच नहीं है, और वे जनता के बीच रहकर काम करना चाहते हैं.
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लालू यादव के दो लाल. एक तेज प्रताप और दूसरे तेजस्वी. कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी बनाने वाले दो भाइयों के बीच सत्ता ने ऐसा जहर घोला कि अब दोनों एक-दूसरे का नाम भी नहीं सुनना चाह रहे. अपने घर से बेघर हो चुके तेज प्रताप को हर समय ये बात याद रहती है कि उन्हें उनके ही घर से निकाल दिया गया. एक बेटा राजगद्दी पर बैठ गया और दूसरा आज दोराहे पर है. यही कारण है कि तेज प्रताप अब तेजस्वी यादव का नाम सुनकर ही भड़क जाते हैं. हालांकि, खुलकर नहीं बोलते, लेकिन इशारों में सारी कहानी बयान कर देते हैं.  

जहानाबाद में भड़के तेज प्रताप

जहानाबाद में लालू परिवार के अंदर चल रहे राजनीतिक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर जबरदस्त हमला बोला है. तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के समर्थन में उठ रहे नारों को लेकर अपने गुस्से का इज़हार किया. इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ अपनी पार्टी और सरकार को, बल्कि परिवार के अंदर चल रही सियासी जंग पर भी बयान दिया. तेज प्रताप यादव ने जहानाबाद के घोषी विधानसभा क्षेत्र के लखबार हाई स्कूल के मैदान में आयोजित जनता संवाद कार्यक्रम में ये बयान दिए. उन्होंने सीधे तौर पर अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो अपनों का न हुआ, वो सूबे की जनता का क्या होगा?

राम को भी वनवास भेजा गया था

तेज प्रताप यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारा बहुरूपिया घूम रहा है. तेज प्रताप के टीम तोड़ने का काम भी कर रहा है. उसके चक्कर में मत फंसिएगा. हमको भी तोड़ने का काम किया, लेकिन भगवान ने हमको मौका दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुझे कोई पद या मुख्यमंत्री बनने का लालच नहीं है. उन्होंने रामायण और महाभारत का संदर्भ देते हुए कहा कि राम को भी वनवास भेजा गया था. आदमी का कर्म प्रधान होता है और वो अपने कर्मों के अनुसार कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम चुप बैठने वाले नहीं हैं, हम जनता के बीच में रहकर काम करेंगे.

तेजस्वी सरकार के नारे पर हो गए गुस्सा 

वहीं सभा के दौरान किसी ने 'अबकी बार तेजस्वी सरकार' के नारे लगाए तो तेज प्रताप यादव भड़क गए और बोले कि फालतू काम मत करो. तुम आरआरएस का आदमी हो क्या. पुलिस पकड़ेगा और लेकर चल देगा. फालतू वाला बात मत करो. जनता का सरकार आता है. किसी व्यक्ति विशेष का सरकार नहीं आता है. जो घमंड करेगा, वो जल्दी गिरेगा. और अगर नौटंकी करोगे तो रोजगार नहीं मिलेगा. वही बिना नाम लिए तेज प्रताप यादव ने पीले रंग को लेकर भी निशाना साधा. उनका इशारा प्रशांत किशोर की ओर था, जो हाल ही में अपने समर्थकों के साथ पीला रंग का झंडा लेकर कई जगहों पर दिखे थे. तेज प्रताप ने कहा कि एक बहरूपिया, व्यापारी इस तरह का झंडा लगाकर घूम रहा है. जबकि यह हमारे भगवान श्रीकृष्ण का कलर है. वहीं, उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी के वोट अधिकार यात्रा को लेकर कहा कि वो यात्रा अब शुरू किए, जबकि मेरा यात्रा पहले से चल रहा है. वहीं इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंची जनता की देखकर गदगद हुए तेजप्रताप यादव ने कहा की अगर उनकी सरकार बनी तो युवाओं के रोजगार के लिए बेहतर प्रबंध किया जाएगा. ताकि छोटे-छोटे बच्चे राजनीति छोड़कर अपने काम-धंधे पर ध्यान दें.
 

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