हर पल मौत का डर था...नेपाल से बिहार लौटे मजदूरों की डरावनी आपबीती, बॉर्डर पर भी सन्नाटा

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद लोग अपने साथियों संग किसी तरह घर वापस आ रहे हैं, अब बॉर्डर पर शांति व्यवस्था है. लोग आईडी दिखाकर आ रहे हैं. नेपाल में दिनभर शांति व्यवस्था कायम रही. कहीं भी हिंसा या प्रदर्शन नहीं हुआ है पर पूरे शहर में कर्फ्यू लागू है.

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  • नेपाल में जेल ब्रेक और हिंसक आंदोलन के कारण सीमा के पास के इलाके में अफरा-तफरी
  • बैरगनिया बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और हाई अलर्ट की स्थिति
  • नेपाल में काम करने वाले कई बिहार के लोग डर की वजह से वापस लौट रहे हैं
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पटना:

कभी देर शाम तक गुलजार रहने वाला नेपाल और इंडिया के सीतामढ़ी जिले का बैरगनिया बॉर्डर शाम होते ही पूरी तरह से वीरान हो गया है. अब यहां से बस इक्का दुक्का लोग ही आ रहे हैं. खासकर इंडिया के लोग, जो नेपाल के विभिन्न शहरों मे फंसे हुए हैं. नेपाल से लौटे हुए लोग अपनी आपबीती बयां कर रहे थे, जिनकी बातें सुनकर रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. शिवहर के दर्जनों लोग, जो वर्षों से नेपाल में रोजी-रोजगार और अन्य छोटे-मोटे कामों में लगे थे, अब जब भयावह परिस्थितियों के कारण मजबूरी में अपने घर लौटने लगे हैं, तो उनके चेहरे पर थकान और मन में गहरा आघात सा दिखता है. 

आंखों में आंसू के साथ वापस लौट रहे लोग

नेपाल में जेल ब्रेक और हिंसक आंदोलन के बाद से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है. नेपाल की स्थिति को देखते हुए बिहार के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. बैरगनिया बॉर्डर पर काफ़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, विशेष चौकसी बरती जा रही है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सकें. इस बीच विस्थापित लोग आंसुओं और टूटे मन के साथ भारत लौट रहे हैं. उनका कहना है कि वहां का माहौल एक नरक बन चुका था, जहां हर क्षण मौत और हिंसा का डर बना रहता था. हमने बेहतर जीवन की उम्मीद में नेपाल का रुख किया था पर वहां का हर पल मौत की चपेट में था. हिंसा और भय के साए में जिंदा बच पाना भी मुश्किल था.

नेपाल की आंखों देखी लोगों ने बताई...

शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के नागेश्वर साह और उनकी पत्नी सरिता देवी तो कैमरे पर कुछ बोल तक नहीं सके.  आंसूओं से भरी आंखों से बताया कि नेपाल मे साज-सज्जा का दुकान किये थे, अब वापस सब छोड़कर घर जा रहें हैं. शिवहर निवासी विवेक कुमार जो नेपाल मे मजदूरी करते हैं जो बुधवार को देर रात्रि बैग टांगे हुए नम आंखों के साथ अपने घर शिवहर वापस लौट रहे थे. उन्होंने बताया कि नेपाल मे बहुत विवाद हुआ है, मर्डर हुआ निकलना मुश्किल हो गया था. हम लोग का छिपकर रहते थे, वहां कैसे -कैसे रहते थे, खाने की दिक्कत आ रही थी.

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