- सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में आज सिवान, भोजपुर और बक्सर में तीन बड़ी रैलियां करेंगे
- रघुनाथपुर सीट पर बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है, इस सीट से शहाबुद्दीन के बेटे चुनावी मैदान में हैं
- सिवान की रैली को कानून व्यवस्था बनाम शहाबुद्दीन की विरासत की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब एनडीए के स्टार प्रचारकों की एंट्री हो चुकी है. दीपावली और छठ पर्व के बाद बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार के चुनावी रण में उतर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ आज एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में सिवान, भोजपुर और बक्सर जिलों में तीन बड़ी जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
पहली सभा सिवान जिले के रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में होगी, जहां मंच तैयार है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यह वही सीट है जहां आरजेडी के दिग्गज नेता रहे बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है. शहाबुद्दीन का नाम सिवान की राजनीति से हमेशा जुड़ा रहा है. ऐसे में यहां योगी आदित्यनाथ की सभा को न सिर्फ सियासी बल्कि प्रतीकात्मक तौर पर भी बेहद अहम माना जा रहा है.
सिवान में 11:15 बजे होगी सीएम योगी की सभा
रघुनाथपुर में योगी की जनसभा सुबह 11:15 बजे राजपुर खेल मैदान में शुरू होगी. यहां वे जेडीयू उम्मीदवार विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह के पक्ष में वोट की अपील करेंगे. इसके बाद दोपहर 12:45 बजे भोजपुर के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के डुमरिया में दूसरी रैली होगी, जहां भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसमर्थन जुटाने की कोशिश होगी. वहीं तीसरी सभा दोपहर 2:15 बजे बक्सर के आईटीआई मैदान में होगी.
रघुनाथपुर सीट पर सबकी हैं निगाहें
इन तीनों सभाओं को एनडीए के लिए निर्णायक मोर्चा माना जा रहा है क्योंकि ये तीनों सीटें एक तरह से एनडीए और आरजेडी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी हैं. खासकर रघुनाथपुर सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं. 2020 के चुनाव में आरजेडी के हरिशंकर यादव ने लोजपा प्रत्याशी मनोज कुमार सिंह को करीब 18 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी. इस बार एनडीए की ओर से मैदान में उतरे जीशू सिंह युवा चेहरा हैं और पार्टी ने यहां पूरी ताकत झोंक रखी है.
रघुनाथपुर सीट पर क्यों है बीजेपी की नजर?
बीजेपी के लिए सिवान सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि ‘जंगलराज बनाम कानूनराज' की सियासी परिभाषा का प्रतीक बन गया है. पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बक्सर की रैली में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब का नाम लेकर महागठबंधन पर निशाना साधा था. शाह ने कहा था, “लालू प्रसाद यादव ने शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दिया है, लेकिन अब बिहार में 100 शहाबुद्दीन भी आ जाएं तो किसी का बाल बांका नहीं होगा.”
अब योगी आदित्यनाथ उसी तर्ज पर सिवान से कानून और सुरक्षा के एजेंडे को केंद्र में रखकर एनडीए के लिए माहौल बनाने उतर रहे हैं. पार्टी की रणनीति साफ हैसिवान और सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुत्व और कानून व्यवस्था के मुद्दे को उभारना और महागठबंधन को ‘जंगलराज' के प्रतीक के रूप में पेश करना.
सीएम योगी की रैली को लेकर लोगों में उत्साह
योगी आदित्यनाथ की रैलियों को लेकर एनडीए खेमे में जबरदस्त उत्साह है. भाजपा और जेडीयू कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाए हैं. वहीं आरजेडी भी इस इलाके में शहाबुद्दीन के नाम और ओसामा की छवि के सहारे अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश में है.
योगी क्यों जा रहे हैं सिवान?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि योगी की सिवान यात्रा भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी लालू-राजद के पुराने ‘जंगलराज' के नैरेटिव को फिर से जिंदा करके मतदाताओं को भावनात्मक रूप से प्रभावित करना चाहती है. वहीं, आरजेडी इसे शहाबुद्दीन की विरासत और सामाजिक प्रतिनिधित्व की लड़ाई के रूप में पेश कर रही है. बिहार की इस सियासी जंग में आज योगी की गर्जना सिर्फ तीन रैलियों तक सीमित नहीं, बल्कि एनडीए के लिए चुनावी टोन सेट करने वाली मानी जा रही है.
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