'उनकी बात हल्के में खारिज नहीं हो सकती, PM करें मुखर समर्थन' : कंगना के बयान पर RJD नेता शिवानंद तिवारी

शिवानंद के अनुसार, कंगना जी की बात को हल्के से खारिज नहीं किया जा सकता है. पद्म पुरस्कार से ताजा-ताजा नवाजी गईं कंगना रनौत जी ने इस सच्चाई से देश को रूबरू कराया है.

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आरजेडी नेता शिवानंद निवारी ने कंगना रनौत को लेकर दिया बयान
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल ( Rashtriya Janata Dal) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ( Shivanand Tiwari) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) जी कंगना रनौत का मुखर समर्थन करें ! शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा है कि हमारा देश सही मायने में 2014 में आजाद हुआ. 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी, आजादी नहीं भीख थी. पद्म पुरस्कार से ताजा-ताजा नवाजी गईं कंगना रनौत जी ने इस सच्चाई से देश को रूबरू कराया है. एक मायने में कंगना जी का कहना सत्य है. इस देश में आज के पहले महान संघर्ष से मिली अपने देश की आजादी को भीख कहने की कल्पना भी कोई नहीं कर सकता था ! आजादी के उस महान संघर्ष ने कैसे-कैसे लोगों को इस देश में पैदा किया ! जिनके जन्म से हमारी भूमि धन्य हुई थी. आज उन सभी लोगों ने अपना सर झुका लिया होगा.

शिवानंद के अनुसार कंगना जी की बात को हल्के से खारिज नहीं किया जा सकता है. पिछले दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर जो हुआ, उसकी कल्पना पहले कोई कैसे कर सकता था! जिनके विषय में सदी के महान वैज्ञानिक आइन्स्टाइन ने कहा था कि आनेवाली पीढ़ियां यकीन नहीं करेंगी कि हाड़ मांस का बना ऐसा आदमी इस धरती पर चलता फिरता होगा. सुना है कि दो लाख से ऊपर लोगों ने उस दिन गांधी के हत्यारे का नाम लेकर जिंदाबाद बोला. ऐसी आजादी की कल्पना पहले थी क्या !

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अपने बयान में शिवानंद तिवारी ने कहा कि अभी-अभी कंगना जी की आजादी के आजाद लोग विराट कोहली पर बहुत नाराज हुए थे. विराट देश की क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. अपनी टीम के किसी भी साथी पर नाजायज हमले के विरोध में खड़ा होना उनकी कप्तानी का धर्म है. हमला भी उसके खराब खेल को लेकर नहीं हुआ था. क्योंकि पूरी टीम ही उस दिन बैठ गई थी. लेकिन निशाने के लिए चुना गया टीम में शामिल एक मुसलमान खिलाड़ी को. विराट ने अपनी कप्तानी का कर्तव्य निभाया और उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया. बदले में विराट को उनकी दस महीने की बेटी के साथ बलात्कार की धमकी मिली.

शिवानंद ने कहा कि कंगना जी की आजादी में ही ऐसा बोल सकने का बेशर्म साहस कोई कर सकता है. कंगना जी असली आजादी की शुरुआत 2014 से मानती हैं. अर्थात उनके अनुसार नरेंद्र भाई मोदी के सत्तारूढ़ होने के बाद ही देश में असली आजादी आई. नरेंद्र भाई ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहते हैं. ऐसा नहीं है कि कंगना जी द्वारा प्रतिपादित आजादी की नई तारीख की खबर उन तक नहीं पहुंची होगी. इसलिए उनका मौन कंगना जी के समर्थन का ही संदेश दे रहा है. हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री जी कंगना जी का मौन नहीं बल्कि मुखर समर्थन करें.

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